हैप्पी के बजाय क्यों कहा जाता है मैरी क्रिसमस?
हर साल की तरह इस साल भी लोगों ने 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस का त्योहार धूमधाम से मनाने की तैयारी पूरी कर ली है। क्रिसमस का त्योहार साल के आखिर में आता है, ऐसे में इसे साल का सबसे बड़ा आखिरी त्योहार भी कहा जाता है। भारत के साथ-साथ कई देशों में क्रिसमस डे बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
नई दिल्ली (आरएनआई) मान्यता है कि इस दिन ईसाई धर्म के प्रभु यीशु का जन्मदिन होता है, इसी के चलते इस दिन का काफी महत्व है। क्रिसमस डे के दिन लोग एक-दूसरे के घर इसकी बधाई देने भी जाते हैं। वैसे तो आमतौर पर जब भी किसी त्योहार की बधाई दी जाती है तो उसके साथ हैप्पी शब्द का उपयोग किया जाता है, लेकिन क्रिसमस के साथ ऐसा नहीं है। क्रिसमस की बधाई देते वक्त लोग मैरी शब्द का इस्तेमाल करते हैं।
सबसे पहले ये समझना जरूरी है कि आखिर मैरी शब्द का अर्थ क्या है? दरअसल, मैरी शब्द जर्मन और ओल्ड अंग्रेजी से मिलकर बना है। इसका अर्थ हैप्पी की तरह खुशी ही होता है।
अब सवाल आता है कि जब हैप्पी और मैरी दोनों का ही मतलब खुशी ही होता है तो आखिर क्यों मैरी शब्द का इस्तेमाल क्रिसमस की बधाई देने के लिए करते हैं ?
इसका जवाब है कि 16वीं शताब्दी में ये शब्द अस्तित्व में आया था। उस समय लोग अंग्रेजी बोलना सीख ही रहे थे। इसके बाद 18वीं और 19वीं शताब्दी में मैरी शब्द काफी प्रचलित हो गया।
आखिर क्यों क्रिसमस के दिन बैप्पी की बजाय लोग मैरी क्रिसमस बोलते हैं। दरअसल, मशहूर साहित्यकार चार्ल्स डिकेंस ने मैरी शब्द को प्रचलित किया था। उन्होंने अपनी किताब 'अ क्रिसमस कैरोल' में मैरी शब्द का बहुत अधिक प्रयोग किया। इसके बाद से ही क्रिसमस की बधाई देते वक्त लोग हैप्पी की जगह मैरी शब्द का इस्तेमाल करने लगे।
भले ही पूरे विश्व में लोग मैरी क्रिसमस कहते हैं लेकिन आज भी इंग्लैंड में लोग क्रिसमस की बधाई देते वक्त हैप्पी शब्द का ही इस्तेमाल करते हैं। इसमें कोई संशय नहीं हैं कि मैरी और हैप्पी दोनों का अर्थ एक ही है। वो बात अलग है कि हम सदियों से मैरी क्रिसमस ही कहते हैं, इस वजह से अब हैप्पी क्रिसमस बोलना अजीब लग सकता है।
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