हुन सेन के बेटे हुन मानेट का प्रधानमंत्री बनना तय।
हुन सेन के टेलीग्राम चैनल पर जारी बयान में कहा गया है, महामहिम डॉ. हुन मानेट को सातवीं नेशनल असेंबली के लिए कंबोडिया साम्राज्य के प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त करें। हालांकि, आधिकारिक तौर पर देश का नया नेता बनने के लिए प्रधानमंत्री हुन सेन के बेटे को संसद में विश्वास मत जीतना होगा।
कंबोडिया के राजा नोरोडोम सिहामोनी (Norodom Sihamoni) ने प्रधानमंत्री हुन सेन के बेटे हुन मानेट को देश के नए प्रधानमंत्री के रूप में नामित करने को मंजूरी दे दी है। पिछले महीने हुए चुनाव में हुन सेन की पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की थी। हुन सेन के टेलीग्राम चैनल पर जारी बयान के अनुसार, कंबोडियन पीएम ने कहा कि कंबोडिया साम्राज्य के अगले प्रधानमंत्री के रूप में महामहिम डॉ. हुन मानेट को नियुक्त करने के लिए कंबोडियन पीपुल्स पार्टी द्वारा सात अगस्त, 2023 को किए गए अनुरोध संख्या 039/0823/ एलकेके से यह साफ जाहिर है कि मानेट अगले पीएम होंगे।
बयान में कहा गया है, महामहिम डॉ. हुन मानेट को सातवीं नेशनल असेंबली के लिए कंबोडिया साम्राज्य के प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त करें। हालांकि, आधिकारिक तौर पर देश का नया नेता बनने के लिए प्रधानमंत्री हुन सेन के बेटे को संसद में विश्वास मत जीतना होगा। यह बयान कंबोडियाई पीएम सेन की घोषणा के बाद आया है कि वह तीन सप्ताह में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे और अपने बड़े बेटे हुन मानेट को पद सौंप देंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वह 1985 से कंबोडिया के प्रधानमंत्री हैं।
अपने राजनीतिक दल द्वारा संसदीय चुनावों में जीत का दावा करने के तीन दिन बाद 70 वर्षीय हुन सेन ने एक टेलीविजन पर दिए भाषण में यह घोषणा की थी। उन्होंने घोषणा की थी कि उनके 45 वर्षीय सबसे बड़े बेटे जनरल हुन मानेट उनका उत्तराधिकारी होंगे। उन्होंने कहा कि चूंकि उनका बेटा भी एक राजनेता है, इसलिए यह उत्तराधिकार किसी भी नेशनल असेंबली नियमों का उल्लंघन नहीं होगा। पीएम हुन सेन के बड़े बेटे मानेट ने संसद में पहली बार जीत दर्ज की है।
हालांकि, हुन सेन ने कहा कि वह अभी भी सत्तारूढ़ कंबोडियन पीपुल्स पार्टी (सीपीपी) के प्रमुख और नेशनल असेंबली के सदस्य बने रहेंगे। सीपीपी ने हाल ही में जुलाई में हुए आम चुनाव में 82 प्रतिशत वोट हासिल कर जीत दर्ज की है। हुन सेन ने कहा कि हुन मानेट को 10 अगस्त को प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाएगा। हुन सेन ने जून में कहा था कि वह मतदान के बाद किसी भी समय अपने बेटे को प्रधानमंत्री पद सौंप देंगे। लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि उनकी सेवानिवृत्त होने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने उस समय कहा था, भले ही मैं अब प्रधानमंत्री नहीं रहूं, फिर भी मैं सत्तारूढ़ दल के प्रमुख के रूप में राजनीति को नियंत्रित करूंगा।
स्थानीय मीडिया ने बताया कि 1985 से सत्ता संभाल रहे हुन सेन ने बुधवार को कहा था कि उनके बेटे के नाम की पुष्टि 22 अगस्त को संसद द्वारा नए प्रधानमंत्री के रूप में की जाएगी। 45 साल के हुन मैनेट फिलहाल देश की सेना के प्रमुख हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सेन की सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में दर्जनों आलोचकों को जेल में डालकर और अन्य युक्तियों के साथ-साथ असहमति रखने वाले समाचार मीडिया आउटलेट्स को बंद करके सभी सार्थक विरोधों को दबा दिया है।
एक प्रमुख विपक्षी नेता केम सोखा (Kem Sokha) को मार्च में देशद्रोह के आरोप में 27 साल की नजरबंदी की सजा सुनाई गई थी और चुनाव में भाग लेने या मतदान करने से रोक दिया गया था। एक अन्य हाई प्रोफाइल विपक्षी नेता सैम रेन्सी फिलहाल फ्रांस में निर्वासन में रह रहे हैं।
हुन सेन वियतनाम छोड़ने से पहले 1970 के दशक में नरसंहार के लिए जिम्मेदार कट्टरपंथी कम्युनिस्ट खमेर रूज में एक मध्य-रैंकिंग कमांडर थे। जब वियतनाम ने 1979 में खमेर रूज को सत्ता से बेदखल किया, तो वह जल्द ही हनोई द्वारा स्थापित नई कंबोडियाई सरकार के वरिष्ठ सदस्य बन गए। हुन सेन ने नाममात्र के लोकतांत्रिक ढांचे में एक निरंकुश रूप में सत्ता बनाए रखी। हुन सेन ने लंबे समय से कंबोडिया के अधिकांश संस्थानों पर कड़ा नियंत्रण बनाए रखा है। हाल के वर्षों में उन्होंने अपनी शक्ति को मजबूत करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग किया।
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