हिमाचल में 24 घंटों में 29 और जंगलों में लगी आग

रोजाना प्रदेश के हर कोने से आग लगने के मामले सामने आ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में जंगलों में आग लगने की 29 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें 177.11 हेक्टेयर जंगल राख हुए हैं। 

Jun 3, 2024 - 11:25
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हिमाचल में 24 घंटों में 29 और जंगलों में लगी आग

बिलासपुर/सोलनहमीरपुर/मंडी (आरएनआई) हिमाचल प्रदेश के जंगलों में आग लगने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। रोजाना प्रदेश के हर कोने से आग लगने के मामले सामने आ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में जंगलों में आग लगने की 29 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें 177.11 हेक्टेयर जंगल राख हुए हैं। इस फायर सीजन में जंगल में आग लगने के मामले 1302 हो गए हैं, जिनमें 12,431 हेक्टेयर में वन संपदा राख हुई है। आग से जंगलों में अभी तक करीब 3 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।  शनिवार शाम से रविवार शाम तक हमीरपुर सर्किल में जंगलों में आग लगने की 13 घटनाएं, ग्रेट हिमालय नेशनल पार्क में एक, मंडी में छह, नाहन में सात, शिमला एक और सोलन में एक मामला दर्ज हुआ है। हमीरपुर में 111 हेक्टेयर, मंडी 46. 5, नाहन में 103.51 हेक्टेयर, शिमला में पांच और सोलन में 13.5 हेक्टेयर भूमि पर वन संपदा राख हुई है। आग की घटनाओं से लोग भी परेशान हैं। जंगल की आग घरों तक पहुंच रही है, जिससे कई बार दहशत का माहौल भी बन जाता है। वन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस बार की घटनाओं ने बीते चार सालों का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 681, वर्ष 2022-23 में 860 और 2021-22 में 33 घटनाएं जंगलों में आग लगने की दर्ज हुई थी।

शहर के शिल्ली और टैंकरोड के साथ लगते जंगल में आग भड़क गई। आग के कारण आसपास रहने वाले लोगों के घरों को खतरा पैदा हो गया है। आग की लपटों के कारण हजारों हेक्टेयर भूमि पर वन संपदा राख हो गई है। ग्रामीण लगातार आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन आग अधिक होने के कारण बुझाने में भी दिक्कतें आ रही है।

रविवार को जिले में चार जगह आग लगने की घटनाएं सामने आईं। अब जिले की 70 बीटों में आग लगने की 200 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। 1990.55 हेक्टेयर जंगली एरिया जलकर राख हो गया है। रविवार को सुबह उपायुक्त आवास के साथ जंगल में एकाएक आग लग गई। वहीं गलोड़ के अंतर्गत सरेड़ी में आग लगने की घटना सामने आई। देर शाम नादौन के किटपल पंचायत के जंगल में आग लग गई। दमकल विभाग के कर्मचारियों ने देर रात साढ़े सात बजे तक आग पर काबू पाया। इसके अलावा दो और जगह अाग की सूचनाएं हैं। वहीं, विकास खंड बिझड़ी के अंतर्गत जमली पंचायत के जांगली गांव में रविवार सुबह स्लेटपोश पशुशाला जलकर राख हो गई।

 शनिवार को मंडी जिले में जंगलों की आग नियंत्रित हो गई थी, मगर रविवार को कांगणीधार, सुकेत के जैदेवी, सरकाघाट और जोगिंद्रनगर में एक के बाद एक जंगलों में आग लगने की चार घटनाएं सामने आईं। इससे कई हेक्टेयर क्षेत्र में वन संपदा राख हो गई है। वहीं वन मंडल चंबा के दायरे में आने वाले आधा दर्जन जंगल शनिवार की पूरी रात आग से दहकते रहे। वन विभाग के कर्मचारी जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए मौके पर डटे रहे, लेकिन तेज हवाओं से आग और फैलती गई। इसके चलते कर्मचारी काफी परेशान भी हुए। आग बुझने तक ये कर्मचारी अपने-अपने जंगलों में आग को बुझाने में डटे रहे। 

नालटी, भानिया, चामुंडा मंदिर के पास, सुनैना मंदिर के समीप और सामदार में शनिवार शाम के समय अज्ञात लोगों ने आग लगा दी। यह आग हवा चलने पर इतनी तेजी के साथ जंगल में फैल गई कि अंधेरा होने पर जंगल लाल दिखाई देने लगे।

रविवार को भी जिला मुख्यालय नाहन व आसपास के क्षेत्रों में जंगल की आग की दो घटनाएं सामने आई हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार पहली घटना बिरोजा फैक्टरी के समीप सामने आई है। यहां शनिवार रात को अचानक आग लग गई। इसके बाद सूचना मिलते ही दमकल दस्ते मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाया। वहीं, एक अन्य मामले में पंजाहल में रविवार सुबह अचानक आग लग गई। 

 विश्व धरोहर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर इन दिनों रोजाना ट्रेनें देरी से चल रही हैं। रविवार को छुट्टी के दिन भी कालका से शिमला की ओर ट्रेनें देरी से चलीं। पहले ट्रेन दिल्ली से हावड़ा और शताब्दी से आने वाली सवारियां का इंतजार करती रही। इसके बाद शोघी-तारादेवी-जतोग रेलवे स्टेशन के बीच लगी आग ने ट्रेन को जंगल में रोके रखा। इस कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कालका से शिमला की ओर आने वाली ट्रेनें देरी से पहुंचने के कारण शिमला से कालका की ओर भी ट्रेन देरी से रवाना हुई। रविवार को करीब दो घंटा तक देरी से ट्रेनें कालका से चलीं। शिमला पहुंचते हुए ट्रेनें तीन घंटा तक लेट हो गईं। रविवार को सुबह कालका-शिमला एक्सप्रेस 52457 ट्रेन दो घंटे, कालका-शिमला स्पेशल 04506 ट्रेन 1.50 घंटे, कालका-शिमला शिवालिक 52459 ट्रेन 1.32 घंटे कालका से देरी से चली।

इसके बाद 52459 ट्रेन तारादेवी के जंगल में आग के कारण फंस गई। करीब 3.30 घंटे देरी से ट्रेन शिमला पहुंची। इसके बाद आने वाली ट्रेनें हॉलीडे स्पेशल ट्रेन 04563 ट्रेन का शोघी रेलवे स्टेशन पर रोका गया। यह ट्रेन 3.21 घंटे देरी से शिमला पहुंची। जबकि हिमालयन क्वीन ट्रेन कालका से 2.30 मिनट देरी से शिमला की ओर आई। शिमला से कालका जाने वाली एक्सप्रेस 52460 ट्रेन 2.80 घंटे, शिमला-कालका हॉलीडे स्पेशल ट्रेन 04564 ट्रेन शाम 4:50 की बजाए 7:22 बजे यानी 2.32 घंटे देरी से शिमला से चलीं। इन ट्रेनों के देरी से चलने के कारण शिमला-कालका शिवालिक 52452, शिमला- कालका एक्सप्रेस 52454, शिमला-कालका हिमालयन क्वीन 52456 ट्रेन भी करीब डेढ़ घंटा देरी से कालका की ओर चलाई गई। 

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