हिंसा का असर, नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र की सुरक्षा में कटौती की गई
नेपाल में हिंसा के बाद पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। दरअसल कई नेताओं ने हिंसा के लिए पूर्व राजा पर आरोप लगाए हैं। इसके बाद अब नेपाल सरकार ने ज्ञानेंद्र शाह की सुरक्षा में कटौती करने का फैसला किया है।

काठमांड (आरएनआई) नेपाल की सरकार ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की सुरक्षा में कटौती करने का फैसला किया है। यह फैसला ऐसे समय किया गया है, जब हाल ही में नेपाल में राजशाही की मांग को लेकर हिंसा भड़की थी। पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड समेत कई नेताओं ने हिंसा के लिए पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह पर गंभीर आरोप लगाए। ज्ञानेंद्र शाह के निजी निवास निर्मल निवास में पहले जहां 25 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते थे, लेकिन अब सरकार ने इनकी संख्या घटाकर 16 करने का फैसला किया है।
नेपाली गृह मंत्रालय ने पूर्व राजा की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों को बदलने का भी फैसला किया है। साथ ही सरकार ने पूर्व राजा पर निगरानी भी बढ़ा दी है। नेपाल कांग्रेस की सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने भी हिंसा के आरोप पूर्व राजा पर लगाए और उन्हें ही हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया। इससे पहले पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल ने भी पूर्व राजा पर हिंसा के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि 'अब ये पूरी तरह से साफ हो गया है कि इस सब के पीछे ज्ञानेंद्र शाह हैं। ज्ञानेंद्र शाह की नीयत सही नहीं है। ये पहले भी देखा गया और अब भी देखा जा रहा है, लेकिन अब समय आ गया है कि सरकार कड़ी कार्रवाई करे। घटना की पूरी जांच हो और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। ज्ञानेंद्र शाह को अब पूरी आजादी नहीं दी जा सकती। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और नेपाल सरकार को इस मुद्दे पर गंभीर होने की जरूरत है।'
शुक्रवार को नेपाल में हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हुई थी, जिनमें से एक प्रदर्शनकारी और एक पत्रकार शामिल है। हिंसा इस कदर नियंत्रण से बाहर हो गई थी कि हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लगाना पड़ा और सेना की तैनाती करनी पड़ी। यह हिंसा नेपाल में फिर से राजशाही की मांग को लेकर हुई। आंदोलनकारियों का दावा है कि संवैधानिक राजशाही हिंदू राष्ट्र की बहाली ही देश की समस्याओं का समाधान है। नेपाल में साल 2006 से पहले राजशाही शासन था। विरोध के बाद राजा ज्ञानेंद्र को सत्ता छोड़नी पड़ी थी। इसके बाद सभी अधिकार संसद को सौंप दिए गए और नेपाल में साल 2008 में 240 साल पुराना राजशाही शासन खत्म हो गया। अब राजशाही को वापस लाने की मांग फिर से जोर पकड़ रही है।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6X
What's Your Reaction?






