हिंदुओं पर जारी अत्याचार के खिलाफ इस्कॉन ने UNHCR को घेरा
इस्कॉन प्रवक्ता राधारमण दास ने दावा किया कि अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों के सांसद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, लेकिन यूएनएचसीआरको ने अभी तक मानवाधिकार के उल्लंघन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
कोलकाता (आरएनआई) इस्कॉन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचसीआर) से बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर ध्यान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों का ऐसा उल्लंघन दुखद है। इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को देश में अशांति फैलाने वाले कट्टरपंथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उनका यह बयान मानवाधिकार दिवस के मौके पर आया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए राधारमण दास ने कहा, "जागो यूएन मानवाधिकार परिषद जागो। कम से कम मानवाधिकार दिवस के मौके पर तो जागो। बांग्लादेश में मानवाधिकारों के उल्लंधन पर अपनी चुप्पी और आंखे बंद रखना दुखद है। उन्होंने दावा किया कि अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों के सांसद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, लेकिन यूएनएचसीआरको ने अभी तक मानवाधिकार के उल्लंघन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए राधारमण दास ने कहा, बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नरसंहार की इस खुली धमकी को सुनकर जागे। उन्होंने कहा कि इस्कॉन में सभी लोगों का सेवा होता है। दुनिया के कई अन्य देशों की तरह इस्कॉन बांग्लादेश में भी सभी लोगों को खाना खिलाता है। इस्कॉन प्रवक्ता ने कहा, हम केवल बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और इस्कॉन की सुरक्षा चाहते हैं।
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद ही हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। उपद्रवी कभी मंदिरों तो कभी उनके घरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस्कॉन बांग्लादेश के पुजारी चिन्मय कृष्णदास को देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद से यहां का माहौल और ज्यादा बिगड़ गया है। चिन्मय दास का बचाव करने वाले वकील रामेन रॉय पर भी क्रूरतापूर्वक हमला किया गया।
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