'हिंदी की किसी भाषा से प्रतिस्पर्धा नहीं, इसके नाम पर देश को तोड़ना बंद करें', राजनाथ सिंह की नसीहत
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भाषा के नाम पर विवाद खड़े करने वालों आगाह करते हुए कहा कि भाषा के नाम पर देश को तोड़ने का सिलसिला बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि, हिंदी की किसी भाषा से प्रतिस्पर्धा नहीं और भाषा के नाम पर देश को तोड़ना बंद करें।

नई दिल्ली (आरएनआई) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के बीच आपस में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। बल्कि उनके बीच तो एक सहयोग का भाव है। हिंदी से सभी भारतीय भाषाएं मजबूत होती हैं और अन्य सभी भारतीय भाषाओं से हिंदी मजबूत होती है। भाषा के नाम पर विवाद खड़े करने वालों आगाह करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भाषा के नाम पर देश को तोड़ने का सिलसिला बंद होना चाहिए।
रक्षा मंत्री रामनाथपुरम (अब तमिलनाडु का हिस्सा) की शासक रही रानी वेलु नचियार को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रानी वेलु नचियार का जीवन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक ऐसा सुनहरा काल है जो उनकी बहादुरी और उनके त्याग की एक मिसाल है। वह अंग्रेजो के खिलाफ मोर्चा लेने वाली पहली रानी थीं। उन्होंने यह साबित किया था कि नेतृत्व क्षमता सत्ता में नहीं बल्कि दमन और अन्याय के खिलाफ लड़ने में निहित है।
रक्षा मंत्री ने इस मौके पर यह भी बताया कि तमिलनाडु की रानी वेलु नचियार के जीवन पर आधारित नाट्य प्रस्तुति को हिंदी भाषा में प्रस्तुत किया जा रहा है ताकि उनकी शौर्यगाथा को लोग अच्छी तरह से समझ सकें। लेकिन कुछ लोग तमिल और हिंदी भाषा को लेकर विवाद खड़े कर रहे हैं। जबकि भाजपा हिंदी समेत सभी भारतीय भाषाओं के सम्मान की रक्षा करने के लिए काम कर रही है। जहां यह तमिल नाटक हिंदी में प्रस्तुत किया जा रहा है वहीं देश में काशी तमिल संगमम जैसे आयोजन भी किए जा रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा, हम जब रानी नचियार का स्मरण कर रहे हैं तो राजस्थान की वीरांगना योद्धा ताराबाई का भी स्मरण करना चाहिए जिन्होंने अफगानों का डटकर मुकाबला किया था। हमें वीरांगना पन्ना धाय को याद करना चाहिए जिन्होंने अपने पुत्र का बलिदान देकर मेवाड़ राजवंश और महाराणा उदय सिंह की जान बचाई थी। उन्होंने ओडिशा की भौमकारा राजवंश की छह महिला शासकों की बहादुरी की भी सराहना की।
राजनाथ सिंह ने कहा, यदि आप इतिहास उठाकर देखें तो पाएंगे कि जब जब भारत के सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी बढ़ी है, एक नए भारत का उदय हुआ है। उन्होंने कहा, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं की क्षमता और प्रतिभा पर पूरा विश्वास जताया है। आज देश में महिला नीत विकास की बात हो रही है। महिलाओं को जीवन के उन क्षेत्रों में भी काम करने का मौका दिया जा रहा है, जहां उनके लिए रास्ते बंद थे। सशस्त्र बलों की शायद ही कोई ऐसी शाखा होगी जहां महिलाएं नहीं काम कर रही है।
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