'हिंडनबर्ग रिपोर्ट देश की बढ़ती आर्थिक ताकत के खिलाफ सुपारी थी', कंपनी के बंद होने पर भाजपा का तंज
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि अमेरिका की शॉर्ट सेलर यानी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट एक संगठित, प्रायोजित और आर्थिक आतंकवाद का हिस्सा थी। उन्होंने इसे भारत की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का प्रयास बताया।
नई दिल्ली (आरएनआई) भारतीय व्यवसाय समूह अदाणी और सेबी के खिलाफ अपने रिपोर्ट से सनसनी मचाने वाली 'हिंडनबर्ग रिसर्च' कंपनी के बंद होने के एलान के बाद लगातार सियासी गलियारों में हलचल है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत के खिलाफ 'सुपारी' थी।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि अमेरिका की शॉर्ट सेलर यानी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट एक संगठित, प्रायोजित और आर्थिक आतंकवाद का हिस्सा थी। उन्होंने इसे भारत की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का प्रयास बताया।
उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत के खिलाफ सुपारी थी। यह एक आर्थिक अराजकता और आतंकवाद का प्रायोजित और साजिशपूर्ण कृत्य था। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साध कहा, 'राहुल गांधी आपके अंतरराष्ट्रीय सहयोगी हिंडनबर्ग ने अपनी दुकान बंद कर दी, अब आप कब देश के खिलाफ अपना प्रचार-प्रसार बंद करेंगे? आपका हिंडनबर्ग से क्या संबंध है? क्या यह जॉर्ज सोरोस द्वारा प्रायोजित रिपोर्ट थी? आज कांग्रेस को स्पष्टीकरण देना चाहिए और माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस और उसका इको-सिस्टम राष्ट्रविरोधी है।'
भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह फैसला उस समय लिया गया जब अमेरिकी न्याय विभाग हिंडनबर्ग की जांच करने की योजना बना रहा था। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, 'हिंडनबर्ग रिसर्च का कंपनी को बंद करने का एलान हैरान करने वाला है। यह फैसला उस समय लिया गया, जब ट्रंप सत्ता में आने वाले हैं और अमेरिकी न्याय विभाग उसकी रिपोर्ट की जांच करने की योजना बना रहा था। इस पर रोशनी डाला जाना चाहिए कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर कैसे भरोसा कर लिया था। इन्हीं रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और संसद की कार्यवाही को बाधित किया था।'
उन्होंने आगे कहा, 'उन्होंने आगे कहा, 'हिंडनबर्ग और उसके प्रायोजकों ने भारतीय शेयर बाजार को निशाना बनाया, जिसमें कांग्रेस समेत खुदरा निवेशकों की भारी भागीदारी देखी जाती है। कांग्रेस अपने एजेंडे के साथ काम कर रही है।'
हरियाणा आप प्रमुख सुशील गुप्ता ने गुरुवार को कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने पर टिप्पणी करना मुश्किल है। उन्होंने यह भी बताया कि जब-जब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के जरिए घोटाले सामने आते हैं, देशभर में आवाजें उठती हैं, लेकिन सरकार अपनी ताकत का इस्तेमाल करके उन्हें दबा देती है।
गुप्ता ने कहा, 'हर बार जब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के जरिए ये घोटाले सामने आते हैं, तो देशभर में आवाजें उठती हैं, लेकिन सरकार अपनी ताकत का इस्तेमाल करके उन्हें दबा देती है। इस मामले पर टिप्पणी करना मुश्किल है, लेकिन सच्चाई यह है कि एक समस्या है। देश की सारी संपत्ति, हवाई अड्डे, पावर प्लांट्स और रेलवे किसी न किसी तरीके से अदाणी को सौंप दिए गए हैं।'
अमेरिकी इंवेस्टमेंट रिसर्च फर्म और शॉर्ट सेलिंग ग्रुप हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी बंद होने जा रही है। कंपनी के फाउंडर नाथन एंडरसन ने इसका एलान किया है। हिंडनबर्ग रिसर्च का ये एलान ऐसे वक्त में आया है, जब अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन का चार वर्षों का कार्यकाल पूरा होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं। डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने ही वाले हैं।आपको बता दें कि हाल ही में हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी के एक सदस्य और रिपब्लिकन सांसद ने न्याय विभाग से हिंडनबर्ग को लेकर जांच की मांग की थी।
हिंडनबर्ग रिसर्च की स्थापना 2017 में एंडरसन ने की थी। इस फर्म का मुख्य काम कंपनियों में अकाउंटिंग की गड़बड़ी या धोखाधड़ी की पहचान करना और उस पर रिपोर्ट जारी करना था। इसके बाद शॉर्ट सेलर्स इन कंपनियों के खिलाफ दांव लगाते हैं, जिनमें गिरावट की संभावना होती है। शॉर्ट सेलिंग में स्टॉक्स उधार लेकर बेचे जाते हैं, और बाद में उनके दाम गिरने पर यह स्टॉक्स फिर से खरीदे जाते हैं।
हिंडनबर्ग ने भारत के अदानी समूह और अमेरिका में निकोला जैसी कंपनियों के खिलाफ अपनी रिपोर्ट्स जारी की थीं। 2023 में अदानी समूह के खिलाफ उनकी रिपोर्ट ने कंपनियों की वैल्यू में करीब 100 अरब डॉलर की गिरावट ला दी थी। इसी तरह, 2020 में निकोला पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने निवेशकों को अपनी तकनीक के बारे में गलत जानकारी दी थी। इसके बाद निकोला के संस्थापक ट्रेवर मिल्टन को धोखाधड़ी का दोषी ठहराया गया था।
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