हाथरस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, जांच के लिए विशेष पैनल गठित करने की मांग
उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को सत्संग में मची भगदड़ में 124 लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। सत्संग का आयोजन 'भोले बाबा' उर्फ बाबा नारायण हरि के संगठन ने किया था।
नई दिल्ली (आरएनआई) हाथरस भगदड़ मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर कर मांग की गई है कि मामले की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति नियुक्त की जाए।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को सत्संग में मची भगदड़ में 124 लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। सत्संग का आयोजन 'भोले बाबा' उर्फ बाबा नारायण हरि के संगठन ने किया था। मरने वालों में सात बच्चे और 100 से ज्यादा महिलाएं शामिल हैं। दर्दनाक हादसे के बाद सत्संग स्थल श्मशान घाट जैसा बन गया था।
सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा वकील विशाल तिवारी ने खटखटाया है। उन्होंने शीर्ष अदालत से यह भी अनुरोध किया है कि उत्तर प्रदेश सरकार को दो जुलाई की घटना पर स्थिति रिपोर्ट पेश करने और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों तथा अन्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दें।
याचिका में भगदड़ की घटनाओं से निपटने के लिए सभी राज्य सरकारों को ब्लॉक/तहसील से उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं की स्थिति जिला स्तर पर देने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।
सड़क किनारे खेत में पानी भरा था। कीचड़ हो रही थी भागने के चक्कर में श्रद्धालु पानी और कीचड़ में फंसकर गिर गए। इसके भीड़ में दबते चले गए। महिलाओं-बच्चों के मुंह-नाक में कीचड़ भर गया था। भीड़ में कुचलने और दम घुटने से अधिक लोगों की मौतें हुईं हैं।
खेतों में लोगों के पैरों के निशान भयावह मंजर बयां कर रहे हैं। महिलाओं और बच्चों के चप्पल-सैंडल, पर्स और मोबाइल बिखरे पड़े थे। सड़क किनारे लगे चप्पल-सैंडल के ढेर को लोग देखते हुए दिखाई दिए। मंगलवार दोपहर यह हादसा उस समय हआ, जब भोले बाबा के काफिले के निकलते समय उनकी चरण धूल लेने के लिए अनुयायियों में अफरा-तफरी मच गई।
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