हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की शपथ पर सवाल-सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट जज की शपथ पर सवाल खड़ा करने और 'दोषपूर्ण शपथ' को चुनौती देने पर नाराजगी जताई है। शीर्ष अदालत ने पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

Oct 14, 2023 - 15:45
 0  1.4k
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की शपथ पर सवाल-सुप्रीम कोर्ट
SUPREME COURT

नई दिल्ली, (आरएनआई) बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की 'दोषपूर्ण शपथ' को चुनौती देने पर नाराजगी जताई है। शीर्ष अदालत ने याचिका दायर करने वाले व्यक्ति पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। एक जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा गया कि बंबई उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस की शपथ दोषपूर्ण थी। शीर्ष अदालत ने पांच लाख का जुर्माना लगाते हुए कहा, प्रचार पाने के लिए यह एक तुच्छ प्रयास था।

उच्चतम न्यायालय में इस जनहित याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ में हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश को शपथ राज्यपाल ने दिलाई है और शपथ दिलाए जाने के बाद ही सदस्यता ग्रहण की गई है, इसलिए अब हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की शपथ पर तरह की आपत्तियां नहीं उठाई जा सकतीं।

हाईकोर्ट जज की शपथ को चुनौती देना, याचिकाकर्ता की तरफ से प्रचार का एक प्रयास था। शीर्ष अदालत ने याचिका के प्रकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इस मामले में जनहित याचिका के क्षेत्राधिकार का उपयोग तुच्छ प्रयास है। 

याचिकाकर्ता इस बात पर विवाद नहीं कर सकता, क्योंकि वह यह विवाद नहीं कर सकता कि पद की शपथ सही व्यक्ति को दिलाई गई या नहीं। अदालत ने साफ किया कि शपथ राज्यपाल ने दिलाई है और शपथ लेने के बाद ही नियुक्ति हुई है, ऐसे में ऐसी आपत्तियां नहीं उठाई जा सकतीं।

हमारा स्पष्ट मानना है कि इस तरह की तुच्छ जनहित याचिकाएं न्यायालय का समय और ध्यान बर्बाद करती हैं। इससे अदालत का ध्यान अधिक गंभीर मामलों से हट जाता है और न्यायिक जनशक्ति और न्यायालय की रजिस्ट्री के बुनियादी ढांचे का उपभोग होता है। 

अब समय आ गया है जब अदालत को सख्ती दिखाते हुए ऐसी तुच्छ जनहित याचिकाओं पर अनुकरणीय जुर्माना लगाना चाहिए। इसलिए याचिका को 5,00,000 रुपये की लागत के साथ खारिज किया जाता है। इसे याचिकाकर्ता को चार सप्ताह की अवधि के भीतर न्यायालय की रजिस्ट्री में जमा करना होगा।

शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि चार हफ्ते में लागत जमा नहीं की जाती है, तो इसे लखनऊ में कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूला जाएगा। बता दें कि शीर्ष अदालत अशोक पांडे की तरफ से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें कहा गया था कि वह बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को दिलाई गई 'दोषपूर्ण शपथ' से व्यथित हैं।

याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि मुख्य न्यायाधीश ने संविधान की तीसरी अनुसूची का उल्लंघन करते हुए शपथ लेते समय अपने नाम के पहले "मैं" शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव सरकार के प्रतिनिधियों और प्रशासक को शपथ समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था।

Follow the RNI News channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2Xp81Z

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.