ईडी: हरियाणा के पूर्व MLA की कंपनी से जुड़ी 44.55 करोड़ की संपत्ति कुर्क, 1500 घर खरीदारों को धोखा देने का आरोप
ईडी ने हरियाणा के पूर्व विधायक धरम सिंह छोकर (फरार) की कंपनियों मेसर्स साईं आइना फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड आदि से संबंधित 44.55 करोड़ रुपये की संपत्तियां अनंतिम रूप से कुर्क की हैं। उन पर 1500 से अधिक घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है।

नई दिल्ली (आरएनआई) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), गुरुग्राम जोनल कार्यालय ने हरियाणा के पूर्व विधायक धरम सिंह छोकर (फरार), सिकंदर छोकर (जमानत पर) और विकास छोकर (फरार) तथा उनकी कंपनियों मेसर्स साईं आइना फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड आदि से संबंधित 44.55 करोड़ रुपये की संपत्तियां अनंतिम रूप से कुर्क की हैं। इन संपत्तियों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 1500 से अधिक घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी करने तथा 500 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी करने का मामला दर्ज किया गया है। कई गैर जमानती वारंट जारी किए जाने के बाद, गुरुग्राम की विशेष अदालत ने धरम सिंह छोकर तथा विकास छोकर के खिलाफ उद्घोषणा जारी की थी। उन्हें 19 मई तक अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था।
कुर्क की गई संपत्तियों में में दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद और पानीपत में स्थित 13 अचल संपत्तियां (लगभग 3 एकड़ की कृषि भूमि, 2487 वर्ग मीटर की व्यावसायिक भूमि और 8 आवासीय फ्लैट आदि शामिल है। विभिन्न व्यक्तियों से संबंधित लगभग 96 लाख रुपये की सावधि जमा रसीदों (एफडीआर) और बैंक खातों में धन के रूप में चल संपत्तियां भी कुर्क की गई हैं। ईडी ने गुरुग्राम पुलिस द्वारा मेसर्स साईं आइना फार्म प्राइवेट लिमिटेड और संबंधित फर्मों के खिलाफ धोखाधड़ी व जालसाजी के लिए आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी।
आरोपों में बाहरी एवं आंतरिक विकास कार्यों के लिए लाइसेंस प्राप्त करना और फर्जी बैंक गारंटी सहित जाली दस्तावेज जमा करना शामिल है। यह धोखाधड़ी गतिविधि गुरुग्राम के सेक्टर 68, 103 और 104 में 3700 घर खरीदारों के साथ हुई है। इसमें करीब 616 करोड़ रुपये की ठगी सामने आई। हालांकि, कंपनी अपने वादे के मुताबिक दी गई समय सीमा के भीतर घर देने में विफल रही। धन का दुरुपयोग किया गया। ईडी की जांच से पता चला है कि कंपनी ने संबंधित संस्थाओं से फर्जी चालान के जरिए निर्माण लागत को बढ़ाकर धन की हेराफेरी की। कंपनी के निदेशकों और प्रमोटरों ने निजी लाभ के लिए धन का दुरुपयोग किया। इसके अलावा, घर खरीदारों से प्राप्त धन को भी समूह की अन्य संस्थाओं को ऋण के रूप में हस्तांतरित किया गया, जो वर्षों से बकाया था।
गत वर्ष 15 फरवरी को ईडी ने मेसर्स डीएस होम कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, सिकंदर सिंह, विकास छोकर और इस मामले में शामिल अन्य लोगों से संबंधित 36.52 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं। एलडी एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने भी इसकी पुष्टि की है। इसके अलावा, मेसर्स डी एस होम कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सिकंदर सिंह को 30 अप्रैल 2024 को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में एक अभियोजन शिकायत विशेष न्यायालय, गुरुग्राम में दायर की गई है। न्यायालय ने इसका संज्ञान लिया है।
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