हरदोई संसदीय सीट पर जोरदार जंग तय, किसका होगा सूर्योदय ?
हरदोई (आरएनआई) लोकसभा चुनाव 2024की डुगडुगी बजने ही वाली है ऐसे में सभी राजनैतिक दल चुनाव जीतने में अपना पूरा जोर लगाने में जुटे हुये है।सभी राजनैतिक दल चुनाव मैदान में अपने अपने जिताऊ प्रत्याशी उतारने में फूंक फूंक कर कदम उठा रहे हैं। हरदोई संसदीय सीट पर समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर पहली बार जीत दिलाने वाली महिला प्रत्याशी ऊषा वर्मा को अपना पहले ही प्रत्याशी घोषित कर दिया है।वहीं सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी ने भी इस सीट पर पहली बार जीत दिलाने वाले अपने प्रत्याशी जयप्रकाश रावत को चुनाव मैदान में उतारा है। जयप्रकाश रावत यहां से भाजपा के सिटिंग सांसद हैं। बहुजन समाज पार्टी ने अभी अपना कोई प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी ने सन् 1991मे पहली बार भाजपा को जीत दिलाकर भाजपा का खाता खोला। उसके बाद 1996मे जयप्रकाश रावत ने बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को कड़े मुकाबले में परास्त कर जीत का सिलसिला जारी रखते हुए भाजपा को पुनः जीत दिलाई। सन 1998के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का उदय हुआ सपा ने ऊषा वर्मा को प्रत्याशी घोषित किया।ऊषा वर्मा ने कड़े मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी जयप्रकाश रावत को हराकर सीट को सपा की झोली में डालते हुए सपा का इस सीट पर पहली बार खाता खोला। उसके बाद 2004 में सपा प्रत्याशी ऊषा वर्मा ने जीत का सिलसिला बरकरार रखते हुए बीएसपी प्रत्याशी शिवप्रसाद वर्मा को भारी अन्तर से हराया।इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की स्थिति काफी कमजोर हो गयी।2009के लोकसभा चुनाव में सपा ने फिर ऊषा वर्मा को प्रत्याशी घोषित किया ऊषा वर्मा ने जीत की हैट्रिक लगाते हुए बीसपी प्रत्याशी रामकुमार कुरील को हराकर जीत हासिल की भाजपा इस चुनाव में भी काफी पिछड़ गयी।2014लोकसभा चुनाव सपा ने फिर उषा वर्मा को चुनावी मैदान में उतारा वहीं भाजपा ने अंशुल वर्मा को प्रत्याशी घोषित किया। बीएसपी से शिवप्रसाद वर्मा मैदान में उतरे। इस चुनाव में त्रिकोणीय संघर्ष में भाजपा प्रत्याशी ने 37.05% मत प्राप्त कर सीट पर जीत दर्ज कराने में सफलता हासिल की।इस चुनाव में बीएसपी प्रत्याशी शिवप्रसाद वर्मा कओ28.69%वोट मिले वहीं सपा प्रत्याशी ऊषा वर्मा को 28.42%वोट मिले सपा तीसरे पायदान पर चली गयी।2019के चुनाव में सपा बसपा गठबंधन ने ऊषा वर्मा को एक बार फिर प्रत्याशी घोषित किया।भाजपा ने अपने सिटिंग सांसद अंशुल वर्मा का टिकट काटकर सपा छोड़कर घर वापसी करनें वाले जयप्रकाश रावत को चुनावी मैदान में उतारा। जयप्रकाश रावत ने फिर एकबार जीत दर्ज कराते हुए 53.72%मत प्राप्त किये।वहीं हांथी की पीठ पर सवार साइकिल 41.20% मत प्राप्त कर सकी।इस चुनाव में बीएसपी वोटरों ने सपा को छोड़ फूल का बटन दबाकर भाजपा को जीत दिला दी।भाजपा ने जहां एकबार फिर जयप्रकाश रावत पर भरोसा जताते हुए प्रत्याशी बनाया है वहीं सपा ने अपने वहीं पुरानी महिला प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा है।ऐसे मे पिछले 4चुनावो के आंकड़ो पर नजर डाली जाए तो बसपा ने लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया है।अच्छे प्रदर्शन के बाबजूद भी बसपा आज तक इस सीट पर जीत नहीं पायी है लेकिन हांथी की मस्त चाल से साइकिल की रेस कमजोर होती रही है। भाजपा त्रिकोणीय संघर्ष में लगातार जीत दर्ज कराती रही है।ऐसे 2024लोकसभा चुनाव में हांथी की चाल चुनावी समीकरण एक बार फिर प्रभावित कर सकता है।वहीं भाजपा सांसद को इस बार अकर्मण्यता के साथ कार्यकताओं से दूरी व मतदाताओं से संवादहीनता का दंश भी झेलना पड़ सकता है। गौरतलब है कि इस सीट पर पिछड़ा व सवर्ण वोट निर्णायक भूमिका में रहे हैं। इस समीकरण को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता है। विधानसभा शाहाबाद क्षेत्र के नगरपालिका चुनाव की बानगी स्थिति बयां करने को काफी है। हरदोई संसदीय सीट एक समय में कांग्रेस का गढ़ रहा है लेकिन 90के दशक से लगातार कांग्रेस का वजूद काफी कमजोर ही रहा है इसके बाबजूद कांग्रेस 2%वोट लेकर अपनी उपस्थिति लगातार दर्ज कराती चली आ रही है।
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