हर रोज एक सूर्य निगल रहा ब्रह्मांड में सबसे तेजी से बढ़ता ब्लैकहोल
एएनयू के एसोसिएट प्रोफेसर क्रिश्चियन वोल्फ कहते हैं कि चूंकि हर रोज इसमें एक बड़ा तारा समा रहा है, जिसकी वजह से इसके इवेंट होराइजन क्षेत्र में भारी मात्रा में प्रकाश और ऊष्मा का उत्सर्जन हो रहा है।
नई दिल्ली (आरएनआई) खगोल विज्ञानियों ने ब्रह्मांड का सबसे चमकीला ब्लैकहोल खोजा है। द ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक यह ब्लैकहोल हर रोज एक सूरज जैसे तारे को निगल रहा है, जिसकी वजह से इसका आकार अब तक के ज्ञात ब्लैकहोल की तुलना में सबसे तेजी से बढ़ रहा है। अगर द्रव्यमान के लिहाज से देखें, तो यह ब्लैकहोल 1,700 करोड़ सूर्यों से भी भारी है। सूर्य की तुलना में 500 लाख करोड़ गुना ज्यादा चमकीला है।
एएनयू के एसोसिएट प्रोफेसर क्रिश्चियन वोल्फ कहते हैं कि चूंकि हर रोज इसमें एक बड़ा तारा समा रहा है, जिसकी वजह से इसके इवेंट होराइजन क्षेत्र में भारी मात्रा में प्रकाश और ऊष्मा का उत्सर्जन हो रहा है। अध्ययन के सह-लेखक प्रो. क्रिस्टोफर ओंकेन कहते हैं कि समय और अंतरिक्ष में ब्लैकहोल ऐसे क्षेत्र को कहा जाता है, जहां गुरुत्व बल इतना ज्यादा होता है कि वहां से कुछ भी लौट नहीं सकता, यहां तक प्रकाश भी इससे नहीं गुजर सकता है।
प्रो. वोल्फ ने बताया कि इस ब्लैकहोल को सबसे पहले न्यू साउथ वेल्स में कूनाबारब्रान स्थित एएनयू के 2.3 मीटर के टेलीस्कोप से देखा गया। बाद में चिली स्थित यूरोपीयन स्पेस एजेंसी के टेलीस्कोप को इसकी तरफ घुमाया गया। इसे खोजने वाले दल में शामिल यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न की प्रोफेसर रैचल वेबस्टर कहती हैं कि यह पृथ्वी से करीब 1,200 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है।
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