हजारीबाग और रांची में एनआईए की छापेमारी
झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू को पहली बार 2019 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन सितंबर 2019 में ही वह पुलिस की गिरफ्त से फरार हो गया। पुलिस ने 2022 में एक बार फिर अमन साहू को गिरफ्तार किया।
रांची (आरएनआई) राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बुधवार को झारखंड के हजारीबाग और रांची जिले में छापेमारी की। यह छापेमारी राज्य के कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू गिरोह के सहयोगियों से जुड़े परिसरों पर की गई। यह मामला जबरन वसूली और कोयला खदान पर हमले से जुड़ा है।
कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू दुमका की जेल में रहकर अपने खतरनाक मंसूबों को अंजाम देता है। अमन साहू गैंग झारखंड के कई जिलों में सक्रिय है। उनके रडार पर मुख्य रूप से कोल माइनिंग कंपनियां, कोयला व्यवसायी और ट्रांसपोर्ट फील्ड के व्यवसायी रहते हैं। ये गैंग इन व्यवसायियों से जबरन वसूली करता है और जो भी इनकी बात नहीं सुनता है, उन्हें गोली मार दी जाती है।
झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू को पहली बार 2019 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन सितंबर 2019 में ही वह पुलिस की गिरफ्त से फरार हो गया। पुलिस ने 2022 में एक बार फिर अमन साहू को गिरफ्तार किया। वह फिलहाल दुमका जेल में बंद है। ऐसा माना जाता है कि अमन साहू गैंग के साथ उत्तम श्रेणी के हथियार हैं।
अमन साहू ने महज 17 साल की उम्र में ही अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था। उसपर लगभग 50 से अधिक मामले दर्ज हैं। बारहवीं पास करने के बाद उसने डिप्लोमा की डिग्री हासिल की। उसने एक मोबाइल का दुकान खोला और इस दौरान वह अपराधियों के संपर्क में आया। उसने खुद की एक गैंग बनाई और उसे बढ़ाने लगा।
छापेमारी के दौरान डिजीटल उपकरण, एक फॉर्चुनर कार और अन्य चीजें जब्त की गई। जांच एजेंसी ने हाल ही में झारखंड के लातेहार जिले में तेतरियाखंड कोयला खदान में हुए हमले में शामिल होने के आरोप में 24 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था। आपराधिक षड़यंत्र के तहत यह हमला दिसंबर 2020 में किया गया था। एनआईए की टीम मार्च 2021 में जांच अपने हाथों में लिया। इस साल फरवरी में उन्होंने शंकर यादव को गिरफ्तार किया। उसके पास से 13 करोड़ रुपये बरामद किया गया।
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