हंगामे की भेंट चढ़ा शीतकालीन सत्र का पांचवां दिन, दोनों सदन 2 दिसंबर तक स्थगित
संसद के चालू शीतकालीन सत्र के शुरुआती चार में से तीन दिन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ चुकी है। एक दिन संविधान दिवस के मौके पर दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को राष्ट्रपति ने संबोधित किया था। आज पांचवे दिन भी दोनों सदनों में हंगामा जारी रहा।
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नई दिल्ली (आरएनआई) संसद के चालू शीतकालीन सत्र का आज पांचवां दिन है। शुरुआती चार में से तीन दिन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ चुकी है। पांचवे दिन भी कार्यवाही शुरू होने से पहले संसद भवन परिसर में आम आदमी पार्टी के सांसदों ने दिल्ली की कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर प्रदर्शन किया। राघव चड्ढा ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार और इस्कॉन मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। संसद में विपक्ष ने अडानी मुद्दे पर जोरदार हंगामा किया। दोनों सदनों की कार्यवाही हंगामे के कारण 2 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
आसन से दिलीप सैकिया ने विपक्ष से सदन चलने देने का अनुरोध किया। उन्होंने रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाने का आग्रह किया और कहा कि ऐसे सदन नहीं चल सकती है। उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करना है तो अपने आसन पर जाकर बैठिए और सदन को चलाइए। ऐसे नहीं होता है। दिलीप सैकिया ने सदन की कार्यवाही 2 दिसंबर, सोमवार दिन में 11 बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी।
लोकसभा में विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी के बीच कार्यवाही जारी है। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बेंगलुरु एम्स में एक सदस्य और नेशनल सरोगेसी बोर्ड में दो महिला सदस्यों के मनोनयन का प्रस्ताव पेश किया। हंगामे के बीच इसे पारित कर दिया गया। स्वास्थ्य राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव ने भी दो सदस्यों के मनोनयन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जिसे पारित कर दिया गया। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कार्य मंत्रणा समिति का चौथा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। सदन ने इस प्रस्ताव को भी पारित कर दिया। आसन की ओर से नियम 377 के तहत जिन सदस्यों को मामले उठाने की अनुमति दी गई है, उसके अनुमोदित पाठ को तुरंत सभा पटल पर रखने के लिए कहा।
लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हो गई है। आसन पर दिलीप सैकिया हैं। आसन की ओर से कार्यवाही शुरू होते ही कुछ विषयों पर स्थगन प्रस्ताव के नोटिस प्राप्त होने की जानकारी दी गई और ये बताया गया कि स्पीकर ने किसी भी नोटिस को अनुमति नहीं दी है। आसन की ओर से ये जानकारी दिए जाने के बाद विपक्षी सांसद नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। विपक्ष के हंगामे के बीच कार्यवाही जारी है।
टीएमसी की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने सदन के बाहर कहा कि सदन चलाना सरकार की जिम्मेदारी है, ट्रेजरी बेंच की है। हम जनता के मुद्दे उठा रहे हैं। महंगाई, बेरोजगारी और मणिपुर है जहां 20 महीने से सिविल वॉर चल रहा है। प्रधानमंत्री एक बार भी मणिपुर नहीं गए हैं। क्या मणिपुर भारत का हिस्सा नहीं है, क्या मणिपुर के लोग भारत के नागरिक नहीं हैं? हम जनता के महत्वपूर्ण मुद्दे उठा रहे हैं. सरकार सुनने के लिए तैयार क्यों नहीं है?
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