स्टार हेल्थ के 3.1 करोड़ ग्राहकों का डाटा चोरी, दो चैटबॉट से लीक हुआ
स्टार हेल्थ के ग्राहकों की निजी जानकारी बिक्री के लिए उपलब्ध थी। चैटबॉट का उपयोग कर बीमा पॉलिसी व दावों के दस्तावेज को डाउनलोड किया जा सकता है।
वाशिंगटन (आरएनआई) स्वास्थ्य बीमा कंपनी स्टार हेल्थ के 3.1 करोड़ ग्राहकों का डाटा चोरी हो गया है। यह डाटा टेलीग्राम पर चैटबॉट के जरिये उपलब्ध है। ग्राहकों के डाटा में नाम, पता, ईमेल, मोबाइल नंबर, टैक्स विवरण, टेस्ट रिपोर्ट और बीमारी के इलाज के साथ-साथ मेडिकल रिपोर्ट जैसी जानकारियां भी हैं। टेलीग्राम के मासिक 90 करोड़ यूजर्स हैं।
स्टार हेल्थ के ग्राहकों की निजी जानकारी बिक्री के लिए उपलब्ध थी। चैटबॉट का उपयोग कर बीमा पॉलिसी व दावों के दस्तावेज को डाउनलोड किया जा सकता है। स्टार हेल्थ ने कहा, अधिकारियों को कथित अवैध डाटा लीक की सूचना दी गई है। शुरुआती जांच से पता चला है कि डाटा से कोई समझौता नहीं हुआ है और यह सुरक्षित है। ब्रिटेन के सुरक्षा शोधकर्ता जेसन पार्कर ने कहा, स्टार हेल्थ चैटबॉट्स में एक स्वागत संदेश है। यह 6 अगस्त से चालू है। पार्कर ने कहा, उन्होंने एक ऑनलाइन हैकर फोरम पर संभावित खरीदार के रूप में खुद को पेश किया था। वहां जेनजेन नाम के एक यूजर ने कहा कि उसने चैटबॉट बनाए हैं और उसके पास स्टार हेल्थ के 3.1 करोड़ से अधिक ग्राहकों से संबंधित 7.24 टेराबाइट्स डाटा है।
2024 तक के कुछ कागजातों के साथ 1,500 से अधिक फाइलें डाउनलोड कीं। इसमें कहा गया कि अगर यह चैटबॉट हटा दिया जाता है तो कुछ घंटों में दूसरा चैटबॉट उपलब्ध होगा। स्टार हेल्थ ने 14 अगस्त को शेयर बाजारों को बताया था कि वह कुछ दावों के डाटा के उल्लंघन की जांच कर रही है। एक अज्ञात व्यक्ति ने 13 अगस्त को उसके कुछ डाटा तक पहुंच होने का दावा किया था। उसके बाद बीमा कंपनी ने इसकी जानकारी साइबर अपराध विभाग को दी।
स्टार हेल्थ का डाटा दो चैटबॉट दे रहे हैं। एक पीडीएफ में और दूसरा यूजर्स को एक क्लिक पर पॉलिसी नंबर, नाम और अन्य जानकारी देता है। केरल के एक अस्पताल में पॉलिसीधारक संदीप टीएस की बेटी के इलाज से संबंधित रिकॉर्ड हैकरों ने जारी किया है। इसमें सभी जानकारी के साथ 15,000 रुपये का बिल भी है। संदीप ने कहा, यह सब उन्हीं का डाटा है। चैटबॉट ने पिछले साल पॉलिसीधारक पंकज सुभाष मल्होत्रा का भी दावा लीक किया था। डाटा चैटबॉट के जरिये टुकड़ों में मुफ्त उपलब्ध हैं। हालांकि थोक डाटा के लिए पार्कर से पैसों की मांग की गई।
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