'सोशल मीडिया पर लगाम लगाने की तैयारी', प्रसारण सेवा विधेयक को लेकर केंद्र पर बरसीं प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी ने कहा कि आज एक तरफ सत्ता के जोर से पूरे मीडिया को सरकारी भोंपू बना दिया गया है। दूसरी तरफ, भाजपा सरकार ब्रॉडकास्ट बिल लाकर डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया, ओटीटी प्लैटफॉर्म्स और यहां तक कि निजी हैसियत में लिखने-बोलने वालों की जुबान पर ताला लगाने की तैयारी कर रही है।
नई दिल्ली (आरएनआई) कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने मोदी सरकार पर प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक लाकर डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया, ओटीटी प्लेटफार्मों, निजी तौर पर लिखने और बोलने वालों पर लगाम लगाने की तैयारी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इन हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया पर महात्मा गांधी (यंग इंडिया, 1922) और जवाहर लाल नेहरू (मार्च, 1940) के कोट्स साझा करते हुए कहा कि गांधी और नेहरू ने भाषण और प्रेस की स्वतंत्रता पर जोर दिया था।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "हमें सबसे पहले स्वतंत्र अभिव्यक्ति और संगठन के अधिकार को हासिल करना चाहिए और इन अधिकारों की रक्षा जान देकर भी करनी चाहिए।" उन्होंने आगे कहा, "प्रेस की आजादी का मतलब यह नहीं होता कि जो चीजें हम छपी हुई देखना चाहें, सिर्फ उन्हीं की अनुमति दें, इस तरह की आजादी से तो कोई अत्याचारी भी सहमत हो जाएगा। नागरिक स्वतंत्रताओं और प्रेस की आजादी का मतलब है कि हम जो चीज न चाहें उनकी भी अनुमति दें और अपनी आलोचना बर्दाश्त करें।"
प्रियंका गांधी ने कहा, "ये दो उदाहरण यह बताते हैं कि हमारे नागरिकों को मिली अभिव्यक्ति और प्रेस की स्वतंत्रता यूं ही नहीं मिली है। इसके लिए वर्षों तक लाखों लोगों ने लड़ाई लड़ी है। नागरिक स्वतंत्रता और प्रेस की आजादी हमारे शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों की महान विरासत है। आजाद भारत के इतिहास में कभी कोई सरकार नागरिकों को मिली स्वतंत्रता को कुचलने के बारे में सोच भी नहीं सकती थी।" उन्होंने आगे कहा कि आज एक तरफ सत्ता के जोर से पूरे मीडिया को सरकारी भोंपू बना दिया गया है। दूसरी तरफ, भाजपा सरकार ब्रॉडकास्ट बिल लाकर डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया, ओटीटी प्लैटफॉर्म्स और यहां तक कि निजी हैसियत में लिखने-बोलने वालों की जुबान पर ताला लगाने की तैयारी कर रही है। यह पूरी तरह अस्वीकार्य है। देश ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन ने इसे लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, जिसके जरिए केबल टेलीविजन नेटवर्क्स (विनयमिकरण), कानून, 1995 को बदला जाना था, इसकी गाइडलाइंस को हितग्राहियों और आम जनता की टिप्पणियों के लिए 10 नवंबर 2023 को सार्वजनिक डोमेन में रखा गया था।"
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और स्वतंत्र मीडिया के लिए खतरा है। कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने लोगों से सरकार के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की। हालांकि, कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर इस कानून में कुछ प्रावधानों के बारे में चिंता व्यक्त की। सरकार ने बताया कि विधेयक अभी भी ड्राफ्टिंग स्तर पर है और इसे लेकर हितधारकों से परामर्श जारी है।
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