सेना मुख्यालय से पाकिस्तान के 1971 के आत्मसमर्पण वाली तस्वीर हटने से युवा कांग्रेस नाराज, निकाली रैली
त्रिपुरा कांग्रेस की युवा शाखा के अध्यक्ष नीलकमल साहा ने विरोध रैली में कहा कि विजय दिवस के दिन सरकार ने सेना मुख्यालय से इस ऐतिहासिक तस्वीर को हटा दिया। यह प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास को नकारने की कोशिश है।
अगरतला (आरएनआई) त्रिपुरा कांग्रेस की युवा शाखा के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को एक विशाल विरोध रैली निकाली। ये रैली 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण की ऐतिहासिक तस्वीर को भारतीय सेना मुख्यालय से कथित रूप से हटाए जाने के विरोध में निकाली गई।
विरोध रैली में युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नीलकमल साहा ने कहा कि विजय दिवस के दिन सरकार ने सेना मुख्यालय से इस ऐतिहासिक तस्वीर को हटा दिया। यह प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास को नकारने की कोशिश है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और तस्वीर को वापस उसकी जगह पर लगाने की मांग करते हैं।
उन्होंने कहा यह तस्वीर बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारतीय सेना की वीरता को दर्शाती है। यह उन सैनिकों के बलिदान का प्रतीक है, जिन्होंने पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना को हराने के लिए मुक्ति सेनानियों के साथ मिलकर संघर्ष किया।
मामले में सोमवार को कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा में दावा किया था कि भारतीय सेना मुख्यालय से पाकिस्तान के आत्मसमर्पण की तस्वीर हटा दी गई है। गांधी ने शून्यकाल में कहा कि यह तस्वीर विजय दिवस के दिन हटाई गई थी।
जिस तस्वीर की हटाए जाने की बात हो रही है, यह तस्वीर 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल ए.ए.के. नियाज़ी के आत्मसमर्पण की है, जब उन्होंने 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों के साथ भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था। यह आत्मसमर्पण 13 दिन चले युद्ध को समाप्त करता है और बांग्लादेश के निर्माण का कारण बना था।
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