सेना के बचाव कार्यों को देख भावुक हुआ तीन साल का बच्चा, सेना को लिखा पत्र
केरल के वायनाड में आई भीषण आपदा के बाद भारतीय सेना के जवान वहां दिन-रात राहत और बचाव कार्यों में लगे हुए हैं। सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान अपने हाथों में ले ली है। सेना के राहत कार्य को लेकर एक तीन साल का बच्चा काफी प्रभावित हुआ है।
वायनाड (आरएनआई) केरल के वायनाड जिले में 30 जुलाई को मेप्पाडी के पास विभिन्न पहाड़ी इलाकों में आए भूस्खलन ने भारी तबाही मचा दी थी। इस प्राकृतिक आपदा के कारण अबतक 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों घायल हैं। भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में सेना का राहत व बचाव कार्य जारी है। सेना के तीनों विंग के अलावा एनडीआरएफ-एसडीआरएफ और तमाम संगठन फंसे लोगों को निकालने में लगे हुए हैं। हालांकि, बचाव टीम को कठिनाइयों का भी काफी सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, एक दिल छू लेने वाला पत्र सामने आया है। यह भावुक करने वाला पत्र किसी और ने नहीं बल्कि एक कक्षा तीन के छात्र ने लिखा है। उसने सेना की तमाम कोशिशों को देखते हुए इच्छा जताई कि वह बड़ा होकर सेना में शामिल होना चाहता है।
कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के बीच बीते मंगलवार तड़के दो भूस्खलन होने से पहले 200 से अधिक लोगों की जान ले ली। बचाव दल में 500 से अधिक सैनिक शामिल हैं। सेना की टीमें अपनी जान की परवाह किए बिना लगातार लोगों को बचाने का काम कर रही हैं। सैनिक शनिवार को चाय बागानों और भूस्खलन से प्रभावित गांवों में गहराई तक पहुंच गए।
वायनाड के एएमएलपी स्कूल के कक्षा तीन में पढ़ने वाले रेयान सेना की मदद और उनके कामों से बेहद प्रभावित हुआ है। उसने बड़े होकर भारतीय सेना में भर्ती होने की इच्छा जताई है।
बच्चे ने मलयालम में लिखा, 'प्रिय भारतीय सेना, मेरे प्यारे वायनाड में भूस्खलन हुआ, जिसके कारण यहां तबाही मच गई। मलबे में फंसे लोगों को बचाते हुए आपको देखकर मुझे गर्व और खुशी हुई। मैंने अभी-अभी एक वीडियो देखा, जिसमें आप अपनी भूख मिटाने के लिए बिस्कुट खा रहे हैं और पुल बना रहे हैं। इसे देखकर मैं बहुत प्रभावित हुआ हूं और मैं भी एक दिन भारतीय सेना में शामिल होकर अपने देश की रक्षा करना चाहता हूं।
सेना ने अपने नन्हें योद्धा को धन्यवाद दिया है। भारतीय सेना के दक्षिणी कमांड ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर जवाब देते हुए लिखा, 'प्रिय रेयान, आपके दिल से निकले शब्दों ने हमें गहराई से छुआ है। संकट के समय में हमारा लक्ष्य आशा की किरण बनना है और आपका पत्र इस मिशन की पुष्टि करता है। आप जैसे नायक हमें अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित करते हैं। हम उस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं जब आप वर्दी पहनेंगे और हमारे साथ खड़े होंगे। साथ मिलकर, हम अपने देश को गौरवान्वित करेंगे। युवा योद्धा, आपके साहस और प्रेरणा के लिए धन्यवाद।'
केरल के वायनाड में आई भीषण आपदा के बाद भारतीय सेना के जवान वहां दिन-रात राहत और बचाव कार्यों में लगे हुए हैं। सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान अपने हाथों में ले ली है। सोशल मीडिया पर भी सेना के जांबाजी और राहत कार्य करने के उनके तरीकों की वाहवाही हो रही है। सेना के जवानों ने महज 16 घंटे में उफनती नदी पर 190 फीट लंबा बेली ब्रिज बना दिया। जिसको देखकर हर कोई हैरान है। सेना ने रिकॉर्ड समय में इस पुल का बनाकर तैयार किया है। पुल का निर्माण बुधवार रात साढ़े नौ बजे शुरू हुआ और गुरुवार शाम साढ़े पांच बजे तक पूरा हो गया था।
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