सूखे पड़े अमृत सरोवर व तालाब, पानी की तलाश में भटक रहे बेजुबान, जिम्मेदार मूकदर्शक

कछौना, हरदोई (आरएनआई) गर्मी मौसम में अमृत सरोवर, तालाब सूख गए हैं। तालाबों में पानी न होने के कारण पशु पक्षी बेहाल हैं। क्षेत्रीय विकास जन आंदोलन के अध्यक्ष रामखेलावन कनौजिया ने तालाब में पानी भराव की मांग शासन प्रशासन से की है। कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्र में अमृत सरोवर, मनरेगा के तहत खुदे तालाब परमपरागत तालाब प्रशासन की अनदेखी के चलते लोगों ने धीरे-धीरे कब्जा कर लिया है। उनमें से पानी का सिंचाई हेतु प्रयोग कर लिया है। वही ग्राम सभा में स्थित आबादी की भूमि पर स्थित तालाबों पर क्षेत्रीय लोगों ने धीरे-धीरे कब्जा कर निर्माण कार्य कर लिया है। राजस्व कर्मियों का कहना है तालाब का स्वरूप होने के बावजूद अभिलेखों में तालाब दर्ज न होने के कारण लोग घरों के पीछे तालाब पर मिट्टी डालकर धीरे-धीरे कब्जा कर लेते हैं। मनरेगा के तहत खुले तालाब भी राजस्व अभिलेखों में दर्ज नहीं हो सके हैं। तालाब की जल संचयन में महत्वपूर्ण भूमिका है। वही तालाब में सिंघाड़ा डालने से लोगों द्वारा कीटनाशक दवाओं का अंधाधुंध प्रयोग से बेजुबान पशु व पक्षी असमय मृत्यु के घाट उतर जाते हैं। वही कीटनाशक दवाओं के अंधाधुंध प्रयोग से कमल के फूल की खेती तालाबों से गायब हो रही है। वही खनन माफिया, पुलिस प्रशासन के संरक्षण के चलते व्यावसायिक प्रयोग हेतु एक मिट्टी खनन के कार्य में प्रयोग कर रहे हैं। लगातार खनन माफिया मिट्टी खोदकर निकाल रहे हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट का सख्त निर्देश है तालाब पर अतिक्रमण व स्वास्थ्य में परिवर्तन घोर अपराध है।
खंड विकास अधिकारी महेश कुमार ने बताया जिलाधिकारी के आदेशानुसार शीघ्र तालाबों में पानी भराया जाएगा।
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