सुलतानपुर: मुकदमे के दौरान दें अंतरिम गुजारा नहीं होगी कैद
परिवार न्यायालय ने माँ व बेटी के पक्ष में किया आदेश, वाराणसी निवासी पति ने गर्भवती पत्नी को भेजा था तलाक की नोटिस।
सुलतानपुर (आरएनआई) परिवार न्यायालय ने गर्भवती पत्नी को तलाक देने का मुकदमा दायर करने वाले पति के विरुद्ध मुकदमे के दौरान अंतरिम गुजारा देने का आदेश दिया है। आदेश यह भी है कि भुगतान न करने पर एक महीने कारावास भी हो सकता है।
यह मामला शहर में रहने वाली एक विवाहिता का है जिसका विवाह भक्तिनगर कॉलोनी पाण्डेयपुर वाराणसी के अभय कुमार श्रीवास्तव के साथ अप्रैल 2021 में हुई थी. उन्होने कोतवाली नगर में पति व ससुरालीजनों के विरुद्ध एफआईआर और परिवार न्यायालय में गुजारा के लिए मुकदमा किया है. आरोप है कि शादी के बाद ही पति व ससुराल वाले दहेज़ के लिए उत्पीड़न और सनातन धर्म की बजाय सांई पंथ के अनुसार रहने को विवश करने लगे। जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया मामला इतना बढ़ा कि गर्भवती पत्नी को घर से निकाल दिया। इतना ही नहीं अनर्गल आरोप लगाकर तलाक का मुकदमा भी बनारस में दायर कर दिया। बच्ची का जन्म होने के बाद विवाहिता ने न्याय की गुहार लगाई तो एसपी सोमेन वर्मा के आदेश पर कोतवाली नगर में एफआईआर लिखी गई। उच्च न्यायालय में भी सन्धि का प्रयास विफल हुवा तो आरोप पत्र न्यायालय भेज दिया गया। परिवार न्यायालय में बेटी और खुद के लिए गुजारा भत्ता पाने का मुकदमा दायर किया तब भी पति ने अनर्गल आरोप लगाए। अधिवक्ता अमर बहादुर यादव ने बताया कि माँ बेटी को अंतरिम गुजारा के लिए अक्टूबर 2023 में प्रार्थनापत्र पर न्यायाधीश मधु गुप्ता ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर आदेश दिया है । जिसमें विवाहिता को प्रार्थनापत्र देने की तिथि से मुकदमा चलने तक प्रतिमाह 4 हजार व बेटी को साढ़े तीन हजार रूपये देने का आदेश दिया है. उन्होंने आदेश में यह भी लिखा है कि भुगतान न करने पर एक माह कैद की सजा हो सकती है।
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