सुरजेवाला के बयान पर आशीष अग्रवाल का पलटवार, कॉंग्रेस पर साधा निशाना, कहा- बंद करें OBC हितैषी बनने का पाखंड
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनीति में हलचल जारी है। प्रदेश कॉंग्रेस मीडिया प्रभारी सुरेजवाला ने जातिगत जनगणना को लेकर भाजपा के खिलाफ कॉंग्रेस का बयान जारी किया था। जिसपर आशीष अग्रवाल ने पलटवार किया है। उन्होनें सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म “X” पर भाजपा के कृत्यों को बताया है। साथ ही कॉंग्रेस और कमलनाथ पर झूठ परोसने से आरोप लगाएं हैं। बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी ने कहा, “भाजपा को ओबीसी वर्ग की चिंता सबसे ज्यादा है।” उन्होनें कॉंग्रेस को ओबीसी हितैषी बनने का पाखंड बंद करने को कहा है।
भाजपा ने ओबीसी वर्ग के लिए क्या किया? आशीष अग्रवाल ने बताया
आशीष अग्रवाल ने कमलनाथ और 10 जनपथ के इशारों पर झूठ परोसने का आरोप सुरेजवाला पर लगाया है। उन्होनें भाजपा और कॉंग्रेस के कृत्यों की तुलना की और ओबीसी के हित में किए सरकार द्वारा किए गए कार्यों की सूची साझा की है। उन्होनें कहा, “ओबीसी हितैषी योजनाएं भाजपा ने शुरू किया। साथ ही उनके प्रतिनिधित्व को प्रोत्साहित करने का भी भाजपा ने किया। तीन ओबीसी मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती जी, स्व. बाबूलाल गौर जी और श्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश को भाजपा ने दिए। इसके अलावा अन्य OBC नेताओं की लंबी भी बीजेपी में है। भारत को पहला ओबीसी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के रूप में भाजपा और एनडीए ने दिया भाजपा के 303 सांसदों में से 85 ओबीसी हैं जो 29 फीसदी हैं। 29 मंत्री भी OBC कैटेगरी के हैं। देश में 27% विधायक और 40% एमएलसी ओबीसी समाज से हैं। ”
कॉंग्रेस पर लगाए कई आरोप
अग्रवाल ने कॉंग्रेस पर कई आरोप लगाए हैं। उन्होनें कहा, “ओबीसी वर्ग से आने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्व. सुभाष यादव जी (अरुण यादव जी के पिता) को कूटरचित तरीके से मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया और अरुण यादव जी की फसल लूटने में लगे रहे। कांग्रेस कार्यकाल में ओबीसी आरक्षण को लेकर काका कालेलकर की रिपोर्ट आई, उसके बाद इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय में मंडल कमीशन की रिपोर्ट आई, लेकिन ये एक कोने में पड़ी हुईं थीं ताकि इस वर्ग का भला न हो पाए। जब भाजपा सरकार ने मध्यप्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में आरक्षण देने की बात की तो कांग्रेस ने षडयंत्र के तहत मप्र पंचायत चुनाव में 27% OBC आरक्षण के खिलाफ स्टे लगवाया। जानबूझकर ऑफिशियल गजट में प्रदेश की 51% OBC आबादी को 27% लिखकर धोखा दिया। जिस कांग्रेस की कभी मंशा ही नहीं रही कि मध्यप्रदेश में 27% OBC आरक्षण लागू हो तो वह आरक्षण के नाम पर केवल चुनावी राजनीति करती रही।2019 में जब पंचायतों का कार्यकाल पूरा हुआ तब कमलनाथ सरकार थी, फिर पंचायत चुनाव कराने की जिम्मेदारी को पूरा नहीं किया।”
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