सुरंग में कैद 41 जिंदगियां: टूट रहा श्रमिकों का हौसला
सिलक्यारा सुरंग में ऑगर मशीन के फंसने से रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे अधिकारियों के चेहरे उतर गए हैं। श्रमिक बीते 14 दिनों से सुरंग से बाहर आने की उम्मीद लगाए हैं, लेकिन अभियान में बार-बार अड़चन आ रही है। ऐसे में अब श्रमिक भी उदार और निराश होने लगे हैं।
उत्तरकाशी (आरएनआई) सिलक्यारा सुरंग में ऑगर मशीन के फंसने से रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे अधिकारियों के चेहरे उतर गए हैं। श्रमिक बीते 14 दिनों से सुरंग से बाहर आने की उम्मीद लगाए हैं, लेकिन अभियान में बार-बार अड़चन आ रही है। ऐसे में अब श्रमिक भी उदार और निराश होने लगे हैं।
शनिवार को सुरंग में फंसे वीरेंद्र की भाभी सुनीता ने कहा कि अब विरेंद्र हताश हो रहा है। जब बात की तो वह रोने लगा। इस चिंता में आज सुबह नाश्ता भी नहीं किया है। बाकी मजदूर भी बेहद चिंतित व निराश थे। सबका एक ही सवाल है कि उन्हें बाहर कब निकालोगे। यहां सब लोग परेशान हैं। बात करने के लिए भी रोजाना कई घंटे केवल परमिशन लेने में लगते हैं।
वहीं दूसरी तरफ सिलक्यारा टनल के ऊपरी हिस्से में आज शनिवार को पानी का रिसाव बढ़ने से चिंताएं भी बढ़ रही हैं। 14 दिन से सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर न निकालने पर बाहर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा।
टनल विशेषज्ञ कर्नल परिक्षित मेहरा ने बताया कि ऑगर मशीन के बरमे को बाहर निकालने का काम किया जा रहा है। जिसमें कुछ समय लग सकता है। बताया कि जैसे ही बरमा बाहर निकाल लिया जाएगा तो दोबारा ड्रिलिंग का प्रयास किया जाएगा।
वहीं, सीएम धामी का कहना है कि सभी मजदूर ठीक है। मजदूरों से बात हुई है, वो ठीक है। बताया कि मजदूरों को भोजन पानी मिल रहा है। हैदराबादा से कटर लाया जा रहा है साथ ही प्लाज्मा कटर मंगवाया गया है। कहा कि सारा ध्यान मजदूरों को निकलाने पर है। मशीन के टूटे हिस्से कल तक निकलेंगे। वर्टिकल ड्रिलिंग का काम किया जा रहा है।
ऑगर मशीन का बरमा फंसने के बाद उसे काटकर निकालने का काम जारी है। मशीन के बरमे का 45 मीटर हिस्सा फंसा था। जिसे 20 मीटर तक काटकर निकाल लिया गया है। अभी 25 मीटर तक निकाला जाना बाकी है।
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