सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर से पहली बार बनेंगे जज, दो नामों की सिफारिश
मूल रूप से मणिपुर के रहने वाले न्यायमूर्ति सिंह को 17 अक्तूबर, 2011 को गोहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। मणिपुर उच्च न्यायालय के गठन पर, उन्हें न्यायाधीश के रूप में वहां स्थानांतरित कर दिया गया था। जिसके बाद पिछले साल 15 फरवरी को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।
नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह और मद्रास हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आर महादेवन को सुप्रीम कोर्ट जज बनाने की सिफारिश की है। यदि केंद्र सरकार सिफारिश मान लेती है, तो जस्टिस सिंह यह उपलब्धि हासिल करने वाले मणिपुर के पहले न्याायाधीश होंगे। सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस समेत 34 जज होते हैं और अभी दो पद खाली हैं।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बृहस्पतिवार को भेजे प्रस्ताव में कहा, मूल रूप से मणिपुर के रहने वाले न्यायमूर्ति सिंह को 17 अक्तूबर, 2011 को गोहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। मणिपुर उच्च न्यायालय के गठन पर, उन्हें न्यायाधीश के रूप में वहां स्थानांतरित कर दिया गया था। जिसके बाद पिछले साल 15 फरवरी को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।
कॉलेजियम ने प्रस्ताव में कहा, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में जस्टिस सिंह की नियुक्ति उत्तर-पूर्व का प्रतिनिधित्व प्रदान करेगी। विशेष रूप से वह मणिपुर राज्य से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने वाले पहले न्यायाधीश होंगे। न्यायमूर्ति सिंह का न्यायिक क्षमता, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनके द्वारा किए गए कार्यों के संदर्भ में एक त्रुटिहीन रिकॉर्ड है। न्यायिक प्रदर्शन, प्रशासनिक कौशल, ईमानदारी और योग्यता को देखते हुए उनकी उम्मीदवारी तय की है। कॉलेजियम का विचार है कि वह सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं।
कॉलेजियम ने प्रस्ताव में कहा, न्यायमूर्ति महादेवन वर्तमान में मद्रास उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश हैं। न्यायिक पक्ष में और उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति महादेवन के काम से परिचित होने के कारण, कॉलेजियम का मानना है कि वह सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं। महादेवन तमिलनाडु के पिछड़े समुदाय से हैं और उनकी नियुक्ति से पीठ में विविधता आएगी।
प्रस्ताव में कहा गया है कि कॉलेजियम ने अपनी सिफारिशों पर पहुंचने में, विचाराधीन न्यायाधीशों की वरिष्ठता, न्यायाधीशों द्वारा लिखे गए निर्णयों और प्रदर्शन द्वारा प्रदर्शित योग्यता, अखंडता, क्षेत्र, लिंग और समुदाय के संदर्भ में विविधता सुनिश्चित करने की आवश्यकता को ध्यान में रखा है।
न्यायमूर्ति एन कोटिस्वर सिंह का जन्म 1 मार्च 1963 को इंफाल में हुआ था। उन्होंने 1983 में किरोड़ीमल कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी किया। उन्हें 31 मार्च, 2008 को गोहाटी उच्च न्यायालय द्वारा एक वरिष्ठ वकील के रूप में नामित किया गया था। वहीं, न्यायमूर्ति महादेवन का जन्म 10 जून 1963 को तमिलनाडु में हुआ था। उन्हें 2013 में मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।
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