सुप्रीम कोर्ट में आमने-सामने ओवैसी और श्रीकृष्ण जन्मभूमि पक्षकार, AIMIM नेता की याचिका पर ये मांग
वक्फ संशोधन विधेयक पर सुप्रीम कोर्ट में एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पक्षकार आमने-सामने आ गए हैं। ओवैसी की ओर से जहां विधेयक के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है, वहीं श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पक्षकार ने विधेयक को वैध बताया है।

मथुरा (आरएनआई) वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने याचिका दायर की है। याचिका पर सुनवाई से पहले श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पक्षकार एडवोकेट महेंद्र प्रताप ने भी सुप्रीम कोर्ट में इंटरवेंशन एप्लीकेशन (हस्तक्षेप प्रार्थनापत्र) दायर की है। उन्होंने वक्फ संशोधन अधिनियम को वैध बताते हुए ओवैसी की याचिका में हस्तक्षेप की अनुमति मांगी है।
संसद से पास होने के बाद वक्फ संशोधन विधेयक अब अधिनियम बन चुका है। इसके बाद ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तिहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में अधिनियम की वैधानिकता को लेकर याचिका दाखिल की थी। ऐसी ही अन्य कई याचिकाएं भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुईं। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 15 अप्रैल की तारीख तय की है। वहीं केंद्र सरकार ने भी मामले में कैविएट दाखिल कर दी है।
अब इस मामले में एम नया मोड़ आ गया है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष और हिंदू पक्षकार मथुरा निवासी अधिवक्ता महेंद्र प्रताप ने ओवैसी समेत अन्य याचिकाओं पर एक इंटरवेंशन एप्लीकेशन सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है। एप्लीकेशन में उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि याचिकाकर्ता वक्फ संशोधन अधिनियम में भेदभाव, मनमानी या भारत के संविधान के उल्लंघन का कोई उदाहरण प्रदर्शित करने में विफल रहे हैं। केवल आशंका या धारणा कानून को रद्द करने का आधार नहीं हो सकती है।
यह कानून संसदीय है और भारत के संविधान के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करता है। इसी कारण उन्हें याचिका में हस्तक्षेप करने की अनुमति दी जाए। 11 अप्रैल को दायर इस एप्लीकेशन में वक्फ संशोधन अधिनियम के मुख्य बिंदुओं का प्रमुखता से उल्लेख किया गया है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया है कि वह एक बड़े हिंदू कारण के लिए न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार लड़ाई लड़ रहे हैं।
श्री कृष्ण जन्मभूमि के पक्षकार अधिवक्ता महेंद्र प्रताप ने अपने प्रार्थना पत्र में अन्य कई महत्वपूर्ण बिंदु भी उठाए हैं। प्रार्थना पत्र में उन्होंने बताया कि वक्फ अधिनियम 1995 की वैधानिकता पर भी भी विभिन्न हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। ऐसी 100 से अधिक याचिकाएं अलग-अलग हाईकोर्ट के समक्ष लंबित हैं। उन्होंने न्याय हित में इन सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित कर एक साथ सुनवाई किए जाने की भी मांग की है।
अधिवक्ता महेंद्र प्रताप ने सुप्रीम कोर्ट में 38 पन्नों की इंटरवेंशन एप्लीकेशन दाखिल की है। इसमें 58 बिंदुओं का उल्लेख कर सुप्रीम कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखने का प्रयास किया गया है। मुख्य रूप से इन बिंदुओं में वक्फ संशोधन अधिनियम की वैधानिकता, नाम परिवर्तन, न्यायाधिकरण के निर्णय की अंतिमता समाप्त, कोई मौखिक वक्फ नहीं, वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य और महिला सदस्य, सरकारी संपत्ति वक्फ संपत्ति नहीं है और प्रस्तावित वक्फ संपत्ति का स्वामित्व आदि को शामिल किया गया है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के पक्षकार एडवोकेट महेंद्र प्रताप ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराने की लड़ाई लड़ रहा हूं। वक्फ संशोधन अधिनियम में न तो संविधान का उल्लंघन किया गया है और न ही किसी धर्म का हित इससे प्रभावित होगा। सुप्रीम कोर्ट में अधिनियम की वैधानिकता को चुनौती देने वाली ओवैसी व अन्य 10 लोगों की याचिकाओं में अपना पक्ष रखने के लिए इंटरवेंशन एप्लीकेशन दाखिल की है।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6X
What's Your Reaction?






