सुप्रीम कोर्ट में आंतरिक शिकायत समिति का गठन, न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना बने अध्यक्ष
नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट ने लैंगिक संवेदनशीलता और आंतरिक शिकायत समिति का दोबारा गठन किया है। 11 सदस्यीय समिति का अध्यक्ष न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना को बनाया गया है। इसके अलावा समिति में न्यायमूर्ति नोंगमईकापम कोटिश्वर सिंह और ओएसडी सुजाता सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी, लिज़ मैथ्यू और बांसुरी स्वराज शामिल हैं। अधिवक्ता नीना गुप्ता, सौम्यजीत पाणि और साक्षी बंगा भी समिति का हिस्सा हैं।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट बार क्लकर्स एसोसिएशन की प्रतिनिधि मधु चौहान और यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो सेंटर इन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की कार्यकारी निदेशक डॉ. लेनी चौधरी भी समिति की सदस्य हैं। इनको मुख्य न्यायाधीश ने नामित किया है।
कांग्रेस की तरफ से पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 की वैधता के खिलाफ दायर मामलों में हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख करने पर अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि, 'जब कांग्रेस सत्ता में थी, तो वे पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 लाए। अब जब वे विपक्ष में हैं, तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है...कांग्रेस ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि यदि पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 को खत्म कर दिया जाएगा, तो राष्ट्र की एकता खतरे में पड़ जाएगी...पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 बाबर, हुमायूं, मुहम्मद बिन तुगलक की तरफ से किए गए अवैध कार्यों को वैध बनाने के लिए बनाया गया था।
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