सुप्रीम कोर्ट ने लगाई जमकर फटकार, कहा- हम देश कैसे चला सकते हैं
सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए केरल में हाथियों की मौत पर अंतरिम याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ऐसे हजारों मुद्दे हो सकते हैं, जिन पर ध्यान देने की जरूरत हो, लेकिन शीर्ष अदालत हर मामले पर नजर रखकर अदालत को निष्क्रिय नहीं बना सकता।
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए केरल में हाथियों की मौत पर अंतरिम याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ऐसे हजारों मुद्दे हो सकते हैं, जिन पर ध्यान देने की जरूरत हो, लेकिन शीर्ष अदालत हर मामले पर नजर रखकर अदालत को निष्क्रिय नहीं बना सकता।
प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, ये स्थानीय मुद्दे हैं जिन पर हाईकोर्ट विचार कर सकता है। यदि वे कोई बड़ी गलती करते हैं, तो हम उन्हें सुधारने के लिए यहां हैं।’
उन्होंने कहा, 'देश में सुप्रीम कोर्ट की क्या भूमिका है। आप जानते हैं कि हम देश भर में उठने वाले मुद्दों से निपटने के लिए नहीं हैं। अगर हाईकोर्ट गलती करता है, तो हम सुधारने के लिए हैं।' उन्होंने कहा कि हम देश कैसे चला सकते हैं।
बता दें, एक व्यक्ति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सीयू सिंह ने शुरुआत में केरल में बंदी हाथियों की मौत और नियमों के उल्लंघन का मुद्दा उठाया। साथ ही तुरंत सुनवाई करने का अनुरोध किया। सिंह का कहना है कि फरवरी 2019 से नवंबर 2022 तक के बीच में उपेक्षा और अधिक काम की वजह से करीब 135 हाथियों की मौत हो चुकी है। इस पर पीठ ने सिंह से हाईकोर्ट की ओर रुख करने को कहा। साथ ही कहा कि वहां के न्यायाधीश को स्थानीय हालातों का पता है।
वहीं, जब इस बात पर जोर दिया गया कि मामले की सुनवाई शीर्ष अदालत में ही की जानी चाहिए तो पीठ ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट को निष्क्रिय करने के लिए यहां हर चीज पर विचार नहीं कर सकते। पीठ ने कहा, 'हमारा मानना है कि ऐसे अंतरिम आवेदनों पर विचार करना संभव नहीं होगा। जब रिट याचिका सूचीबद्ध हो तो हस्तक्षेपकर्ता को महत्वपूर्ण मुद्दों पर सुना जा सकता है।' प्रधान न्यायाधीश ने शीर्ष अदालत की भूमिका को समझने की जरूरत पर जोर दिया।
हालांकि, पीठ ने मुख्य मामले को दिसंबर में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
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