सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी प्रवेश प्रक्रिया 30 तक बढ़ाई, सीटें भरने के लिए नए सिरे से काउंसलिंग के निर्देश
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने शुक्रवार को मेडिकल में दाखिला प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों से कहा कि वे खाली सीटों को भरने के लिए नए सिरे से काउंसलिंग का आयोजन करें। पीठ ने कहा, परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हम आखिरी मौका देकर अवधि बढ़ाने के इच्छुक हैं।
नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश पहले ही डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहा है, इसे देखते हुए मेडिकल की कीमती सीटें बर्बाद नहीं की जानी चाहिए। शीर्ष कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ नीट-यूजी प्रवेश प्रक्रिया 30 दिसंबर तक बढ़ा दी।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने शुक्रवार को मेडिकल में दाखिला प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों से कहा कि वे खाली सीटों को भरने के लिए नए सिरे से काउंसलिंग का आयोजन करें। पीठ ने कहा, परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हम आखिरी मौका देकर अवधि बढ़ाने के इच्छुक हैं। शीर्ष अदालत ने यह आदेश उन याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिया, जिसमें अधिकारियों को पांच दौर की काउंसलिंग के बाद भी खाली बची सीटों के लिए विशेष काउंसलिंग सत्र आयोजित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
पीठ ने कहा, राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद के वकील का कहना तर्कसंगत है कि रिक्त सीटों की संख्या को देखते हुए कोर्ट इसे एक बार के उपाय के तौर पर बढ़ा सकता है, पर इसे मिसाल नहीं बनाया जा सकता है।
पीठ ने निर्देश दिया कि किसी भी कॉलेज को सीधे प्रवेश देने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दाखिले केवल प्रवेश अधिकारियों के जरिये किए जाने चाहिए। कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका का निपटारा कर दिया कि प्रवेश केवल प्रतीक्षा सूची वाले उम्मीदवारों को दिए जाएंगे।
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