सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रामासुब्रमण्यन बने एनएचआरसी के नए अध्यक्ष
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज वी रामासुब्रमण्यन को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का नया प्रमुख बनाया गया है। यह पद जून 2024 से खाली चल रहा था।
नई दिल्ली (आरएनआई) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) वी. रामासुब्रमण्यन को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया है। साथ ही, प्रियांक कानूनगो और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बिद्युत रंजन सारंगी को आयोग का सदस्य नियुक्त किया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
कानूनगो ने पुष्टि की कि उन्हें एनएचआरसी का सदस्य नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि उनके एनसीपीसीआर अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल के दौरान उन्होंने बच्चों के संरक्षण कानूनों और नीतियों पर फोकस किया था, खासकर उन मामलों में जहां बच्चों का यौन शोषण या उत्पीड़न होता था। उन्होंने कहा, अब एनएचआरसी के सदस्य के रूप में मैं अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की पूरी कोशिश करूंगा।
एनएचआरसी प्रमुख का पद न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा के कार्यकाल के समाप्त होने के बाद से खाली था। रामासुब्रमण्यन की नियुक्ति से आयोग को एक नया नेतृत्व मिला है, जो मानवाधिकारों की रक्षा के लिए काम करेगा। रामासुब्रमण्यन का सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में लंबा करियर रहा है। उनके पास न्यायपालिका में गहरा अनुभव है, जो उन्हें एनएचआरसी के अध्यक्ष के रूप में चुनौतीपूर्ण कार्यों को निभाने में मदद कर सकता है।
इससे पहले इस तरह की खबरें सामने आई थीं, कि भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ को एनएचआरसी का नया अध्यक्ष बनाया जा सकता है। हालांकि, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने इन खबरों का खंडन किया था और उन्हें 'झूठा' करार दिया था।
रामासुब्रमण्यन का तमिलनाडु के मन्नारगुडी में हुआ था। वह सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं। वह हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश भी रहे हैं। इसके अलावा, वह मद्रास हाईकोर्ट और तेलंगाना हाईकोर्ट में न्यायाधीश रहे हैं। रामासुब्रमण्यन ने 29 जून 2023 को सुप्रीम से सेवानिवृत्ति ली। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 102 फैसले लिखे। वह उन पीठों में सदस्य रहे, जिन्होंने 2016 की नोटबंदी नीति और रिश्वत मामलों में परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की वैधता पर सुनवाई की थी।
सेवानिवृत्त जज अरुण कुमार मिश्रा ने जून 2021 में एनएचआरसी प्रमुख का कार्यभार संभाला था। इसके बाद 1 जून 2024 को उनका कार्यकाल समाप्त हुआ। इसके बाद से यह पद खाली चल रहा था।
एनएचआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति राष्ट्रपति एक चयन समिति की सिफारिश पर करते हैं। इस चयन समिति की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं, जबकि इसमें लोकसभा अध्यक्ष, गृह मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता और राज्यसभा के उप सभापति भी सदस्य होते हैं। जस्टिस मिश्रा के सेवानिवृत्त होने के बाद एनएचआरसी की सदस्य विजया भारती को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
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