सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं ने सीजीआई से की मांग, कहा- पूरक सूची में शामिल किया जाए वादों की सुनवाई का क्रम
अधिवक्ताओं ने कहा कि सुबह 10.30 बजे के बाद सूची जारी होने से सभी वकीलों, क्लर्क और वादकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बार में कई ऐसे बुजुर्ग सदस्य हैं, जो तकनीकी रूप से बहुत कुशल नहीं हैं। वे मौजूदा प्रक्रिया के चलते परेशान हैं। वे कई बार अपने मामलों की सुनवाई में शामिल नहीं हो पाते हैं।
नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है। सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन ने कहा है कि शीर्ष अदालत की पूरक वाद सूची में अगले दिन की सभी अदालतों में होने वाले मामलों सुनवाई का क्रम शामिल किया जाए। अधिवक्ताओं ने कहा कि सुबह 10.30 बजे के बाद सूची जारी होने से सभी वकीलों, क्लर्क और वादकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
एसोसिएशन के मानद सचिव अधिवक्ता निखिल जैन ने मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में कहा कि बार में कई ऐसे बुजुर्ग सदस्य हैं, जो तकनीकी रूप से बहुत कुशल नहीं हैं। वे मौजूदा प्रक्रिया के चलते परेशान हैं। वे कई बार अपने मामलों की सुनवाई में शामिल नहीं हो पाते हैं। एसोसिएशन की ओर से मैं अनुरोध करता हूं कि पूरक वाद सूची में अगले दिन के सभी न्यायालयों में मामलों की सुनवाई का क्रम शामिल होना चाहिए। इससे अधिवक्ताओं को बेहतर योजना बनाने और तैयारी करने में मदद मिलेगी।
एसोसिएशन ने कहा कि कुछ अदालतें सूची कं मुताबिक पहले दौर के मामलों में छूट देने से इन्कार करती हैं। इससे वकीलों को परेशानी होती है। अधिवक्ताओं को जब एक दिन पहले पता लग जाएगा कि किस क्रम में मामले की सुनवाई होगी तो उनको अपने दिन की योजना बनाने और समय प्रबंधन में मदद मिलेगी। इसके साथ ही अधिवक्ता मामले की पूरी तैयारी कर सकेंगे और अदालत के समय का पूरा उपयोग हो सकेगा।
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