सुनेत्रा के नामांकन के बाद छगन भुजबल का छलका दर्द
भुजबल ने कहा कि सांसद बनना मेरी इच्छा है। इसलिए ही मैं नासिक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने को तैयार हुआ था। जब नाम के फैसले को लेकर एक महीने का समय खिंच गया, तो मैंने काम रोक दिया क्योंकि इतना अपमान होना काफी था।
मुंबई (आरएनआई) महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता छगन भुजबल का दुख अब सबके सामने छलक आया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि वह सांसद बनना चाहते हैं, इसलिए ही उन्होंने नासिक से लोकसभा चुनाव लड़ा था। वहीं, राज्यसभा में मनोनित होने के लिए भी उत्सुक था।
वह महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी अध्यक्ष अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को राज्यसभा के लिए नामित किए जाने से नाराज हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या लोकसभा और राज्यसभा के टिकट को लेकर उनके साथ अन्याय हुआ है, ओबीसी नेता ने कहा कि यह सवाल उनसे पूछा जाना चाहिए।
बारामती लोकसभा सीट से लोकसभा चुनाव हारने के कुछ दिन बाद सुनेत्रा पवार ने आगामी राज्यसभा उपचुनाव के लिए गुरुवार को एनसीपी उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया। फरवरी में प्रफुल्ल पटेल के छह साल के कार्यकाल पूरा होने के बाद यह सीट खाली थी, इसलिए इसपर उपचुनाव होना है।
भुजबल ने कहा, 'सांसद बनना मेरी इच्छा है। इसलिए ही मैं नासिक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने को तैयार हुआ था। जैसे ही मुझे बताया गया था कि दिल्ली में मेरा टिकट तय हो गया है, मैंने काम करना शुरू कर दिया था, लेकिन जब नाम के फैसले को लेकर एक महीने का समय खिंच गया, तो मैंने काम रोक दिया क्योंकि इतना अपमान होना काफी था।
एनसीपी नेता ने कहा कि भाजपा नीत महायुति गठबंधन में एनसीपी की सहयोगी शिवसेना के हेमंत गोडसे भी नासिक से टिकट हासिल करने की कोशिश कर रहे थे। इसके बाद उन्होंने फैसला किया कि जिसे भी टिकट दिया जाएगा , वह उसके साथ सहमत होंगे। बता दें, नासिक सीट पर उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के राजाभाऊ वाजे ने जीत दर्ज की।
भुजबल ने कहा कि जब पार्टी के मामलों की बात आती है तो सभी चीजें किसी की इच्छा के अनुसार नहीं होती हैं। उन्होंने कहा कि टिकट नहीं मिलने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। कभी-कभी यह नियति या किसी तरह की मजबूरी होती है। यह पूछे जाने पर कि क्या एनसीपी में वंशवादी राजनीति चल रही है, उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
भुजबल ने गुरुवार को कहा था कि वह राज्यसभा का टिकट पाने के इच्छुक हैं लेकिन वह सुनेत्रा पवार के नामांकन से नाराज नहीं हैं। साथ ही इस निर्णय को पार्टी का सामूहिक फैसला बताया था। लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के सुस्त प्रदर्शन पर भुजबल ने कहा कि इसका विश्लेषण किया जाना चाहिए कि महायुति क्यों पीछे रह गई।
एनसीपी के साथ गठबंधन को लेकर भाजपा की आरएसएस द्वारा आलोचना किए जाने के बारे में भुजबल ने कहा कि उनका नाराज होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा, 'राज्य की 48 सीटों में से एनसीपी को कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना था? हमें केवल चार सीटें मिलीं। इनमें से रायगढ़ और बारामती एनसीपी की कोर सीटें थीं और हमने रायगढ़ जीता।
भुजबल ने कहा कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। उन्होंने कहा, 'इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि एनसीपी के साथ गठबंधन के कारण नतीजे महायुति के पक्ष में नहीं थे।' आगामी विधानसभा चुनाव के बारे में पूछे जाने पर भुजबल ने कहा कि उनकी पार्टी को 15 से 20 और सीटें मिलनी चाहिए।
एनसीपी नेता सुनेत्रा पवार को राज्यसभा सीट दिए जाने पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा, 'कोई भी परेशान नहीं है। छगन भुजबल और प्रफुल्ल पटेल पहले ही साफ कर चुके हैं कि हमारे संसदीय बोर्ड ने यह फैसला किया है। देवेंद्र फडणवीस किसी के अंतिम संस्कार में गए हुए हैं, इसलिए वह नहीं आ सके। कोई भी परेशान नहीं है। नामांकन पहले ही दाखिल किया जा चुका है। आज हमें पता चला कि नामांकन भी स्वीकार कर लिया गया है और अगर अंतिम दिन से पहले कोई अन्य उम्मीदवार नहीं आया तो यह निर्विरोध चुनाव हो सकता है।
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