सुखबीर बादल के अकाल तख्त साहिब पर माथा टेकने पर सवाल, बागी अकाली बोले-माफी मांगने का तरीका गैर पंथक
30 अगस्त को तनखाइया घोषित होने के दूसरे ही दिन श्री अकाल तख्त पहुंचे सुखबीर ने क्षमा याचना की थी। साथ ही उन्होंने श्री अकाल तख्त पर क्षमा याचना के लिए सिंह साहिबानों से जल्द मीटिंग बुलाने की गुहार लगाई थी। अब इस पर सवाल खड़े हो गए हैं।
अमृतसर (आरएनआई) पांच सिंह साहिबान की बैठक के दौरान 30 अगस्त को तनखाइया घोषित किए जाने के बाद अगले ही दिन सुखबीर बादल का श्री अकाल तख्त साहिब पर माथा टेकने के लिए पहुंचने पर सवाल खड़े हो गए हैं। पंथक संगठनों ने इसे सुखबीर की एक और पंथक गलती बताया है। सिख संगत में काफी रोष है। वहीं, बागी अकाली नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि सुखबीर का माफी मांगने का तरीका गैर पंथक है।
शेर-ए-पंजाब दल के नेता व श्री हरमंदिर साहिब के पूर्व हजूरी रागी भाई बलदेव सिंह वडाला ने कहा कि सुखबीर बादल के सिर से अब भी सत्ता का नशा उतरा नहीं है। उन्हें अकाल तख्त की ओर से तनखाइया घोषित किया है। अब सुखबीर को सजा सुनाने के लिए श्री अकाल तख्त साहिब पर बुलाया जाना है। वहां संगत और श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी में आरोपी अपनी गलती स्वीकार करता। इसके बाद ही अकाल तख्त साहिब की ओर से सुखबीर को धार्मिक सजा सुनाई जानी है, लेकिन सुखबीर इस मुसीबत से जल्द बाहर निकलना चाहते हैं।
31 अगस्त को श्री अकाल तख्त साहिब पर खुद ही पेश होकर क्षमा पत्र देने का सुखबीर का तरीका गैर पंथक है। सुखबीर ने पत्र में श्री अकाल तख्त के जत्थेदार को जल्दी पांच सिंह साहिबान की बैठक बुलाकर सजा देने की मांग की है। यह बातें गैर पंथक है। उन्होंने कहा कि अब यह फैसला अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को लेना है कि सुखबीर और अन्य दोषियों को कब बुलाना है न कि सुखबीर को।
तख्त दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी केवल सिंह का कहना है कि सुखबीर बार-बार धार्मिक गलतियां कर रहे हैं। उनको अब साधारण सिख के रूप में सिंह साहिबान के अगले आदेश का इंतजार करना चाहिए और जब तक वह अकाल तख्त साहिब की ओर से सुनाई सजा को पूरी नहीं कर लेते, तब तक उनको आम लोगों, समर्थकों से भी दूरी बना कर रखनी होगी।
बागी अकाली नेता और एसजीपीसी की पूर्व अध्यक्ष बीबी जगीर कौर ने कहा कि सुखबीर बादल सिंह साहिबानों के बुलाए बिना ही अकाल तख्त साहिब पर पेश हो गए। असल में सुखबीर को सिख मर्यादाओं के संबंध में जानकारी ही नहीं है। तनखाइया एलान किया व्यक्ति धार्मिक कार्यक्रमों में भी नहीं जा सकता और तख्त साहिबों व गुरुद्वारा साहिबों में भी माथा टेकने नहीं जा सकता जब तक वह अकाल तख्त की ओर से सुनाई सजा को पूरी नहीं कर लेता।
वरिष्ठ बागी अकाली नेता गुरप्रताप सिंह वडाला ने कहा कि सुखबीर को अकाली दल के अध्यक्ष पद की कुर्सी से दूर रहना ठीक नहीं लग रहा है। वह कुर्सी का मोह त्यागने का तैयार नहीं है। इसलिए न तो सुखबीर ने अभी तक अकाली दल के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दिया और न ही अपनी जत्थेदारों और एसजीपीसी के अधिकारियों को आदेश देने की राजसी प्रवृत्ति को त्याग रहे हैं। सुखबीर के खिलाफ जिस दिन से उनके और उनके समर्थकों की ओर से अकाल तख्त साहिब पर शिकायत दी है, तब से लेकर आज तक सुखबीर गलतियों पर और गलतियां कर रहे हैं, जिसके चलते आने वाले दिनों में और नई समस्याएं खड़ी होने की संभावना है।
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