सीसीआई के 213.14 करोड़ रुपये के जुर्माने के खिलाफ मेटा, व्हाट्सएप की याचिका स्वीकार
अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी ने निष्पक्ष व्यापार नियामक सीसीआई के आदेश के खिलाफ मेटा प्लेटफॉर्म्स और व्हाट्सएप की याचिकाएं गुरुवार को स्वीकार कर लिया।
नई दिल्ली (आरएनआई) अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी ने निष्पक्ष व्यापार नियामक सीसीआई के आदेश के खिलाफ मेटा प्लेटफॉर्म्स और व्हाट्सएप की याचिकाएं गुरुवार को स्वीकार कर लिया। सीसीआई ने बाजार प्रभुत्व के दुरुपयोग के लिए 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इस मुद्दे पर मेटा और सीसीआई की प्रारंभिक दलीलें सुनने के बाद राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर विचार करने की आवश्यकता है।
एनसीएलएटी की पीठ ने कहा, "हमारा मानना है कि पक्षों द्वारा प्रस्तुत दलीलों पर विचार करने की जरूरत है। हम दोनों अपीलों को स्वीकार करते हैं।" पीठ में इसके अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक भूषण भी शामिल थे। सीसीआई के आदेश पर रोक लगाने संबंधी अंतरिम राहत के बारे में एनसीएलएटी ने कहा कि वह अगले सप्ताह फैसला करेगा।
कार्यवाही के दौरान, व्हाट्सएप और मेटा प्लेटफॉर्म की ओर से पेश हुए वकील ने अपीलीय न्यायाधिकरण से सीसीआई के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की ओर से पेश हुए वकील ने इसका विरोध किया।
18 नवंबर को, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने 2021 में किए गए व्हाट्सएप गोपनीयता नीति अपडेट के संबंध में अनुचित व्यावसायिक तरीकों के लिए सोशल मीडिया प्रमुख मेटा पर 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके अलावा, प्रतिस्पर्धा नियामक ने मेटा को प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों को बंद करने और उनसे दूर रहने का निर्देश दिया।
सीसीआई के आदेश के अनुसार, मेटा और व्हाट्सएप को प्रतिस्पर्धा विरोधी मुद्दों के समाधान के लिए एक निर्धारित समयसीमा के भीतर कुछ व्यवहारिक उपायों को लागू करने के लिए भी कहा गया है।
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