सीबीआई ने संजय रॉय और 4 जूनियर डॉक्टर से की पूछताछ; दो पुलिसवालों से भी पूछा- कैसे की जांच?
सीबीआई द्वारा कोलकाता पुलिस के डिप्टी कमिश्नर (उत्तर) अभिषेक गुप्ता और डिटेक्टिव डिपार्टमेंट (डीडी) स्पेशल के डिप्टी कमिश्नर विदित राज भुंडेश से उसी जांच के हिस्से के रूप में पूछताछ की गई। एक अधिकारी ने कहा, हमने पुलिस अधिकारियों से पूछा कि उन्होंने जांच कैसे किस तरह से की।
कोलकाता (आरएनआई) सीबीआई द्वारा कोलकाता पुलिस के डिप्टी कमिश्नर (उत्तर) अभिषेक गुप्ता और डिटेक्टिव डिपार्टमेंट (डीडी) स्पेशल के डिप्टी कमिश्नर विदित राज भुंडेश से उसी जांच के हिस्से के रूप में पूछताछ की गई। एक अधिकारी ने कहा, हमने पुलिस अधिकारियों से पूछा कि उन्होंने जांच कैसे किस तरह से की।
बाद में सीबीआई द्वारा कोलकाता पुलिस के डिप्टी कमिश्नर (उत्तर) अभिषेक गुप्ता और डिटेक्टिव डिपार्टमेंट (डीडी) स्पेशल के डिप्टी कमिश्नर विदित राज भुंडेश से उसी जांच के हिस्से के रूप में पूछताछ की गई। एक अधिकारी ने कहा, हमने पुलिस अधिकारियों से पूछा कि उन्होंने जांच कैसे किस तरह से की।
राज्य सरकार में स्वास्थ्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य सरकार डॉक्टरों के साथ बैठक और बातचीत की शर्तों को मानने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा, डॉक्टरों ने कुछ शर्तें लगाई हैं, इसलिए ऐसा लगता है कि चिकित्सक खुले मन से बैठक करने के लिए तैयार नहीं हैं। गौरतलब है कि चिकित्सकों ने राज्य सरकार को एक पत्र भेजा था। उन्होंने मुख्य सचिव द्वारा निर्धारित अधिकतम 15 प्रतिनिधियों के बजाय बैठक में कम से कम 30 प्रतिनिधियों को बैठक में शामिल होने की अनुमति देने की अपील भी की। डॉक्टरों का कहना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में केवल उनकी मांगों पर ही बातचीत की जाए। इस बातचीत का सीधा प्रसारण टीवी पर किए जाने की मांग भी की।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार डॉक्टरों की हर बात सुनने के लिए तैयार है; लेकिन वे ऐसी बैठक से पहले शर्तें नहीं तय कर सकते। उन्होंने बुधवार तड़के 3.49 बजे मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) को ई-मेल भेजने की घटना पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि इसकी वजह 'राजनीतिक उकसावा' हो सकती है। उन्होंने कहा कि कि राज्य सरकार आंदोलनकारी चिकित्सकों को काम पर वापस लौटने के संबंध में उच्चतम न्यायालय के निर्देश का पालन करेगी।
मृतक प्रशिक्षु डॉक्टर के पिता ने सीएम ममता की भूमिका पर उठाए सवाल
पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आर जी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले राज्य भर में प्रदर्शन जारी है। विपक्ष मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। इस बीच मृतक प्रशिक्षु डॉक्टर के पिता ने नम आंखों से मीडिया से बात की। उन्होंने बताया कि वह इस मामले में सीएम ममता बनर्जी की भूमिका से खुश नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर इस मामले में कुछ भी नहीं करने का आरोप लगाया। पीड़ित डॉक्टर के पिता ने रोते हुए कहा, "हम इस मामले में ममता बनर्जी की भूमिका से खुश नहीं है। उन्होंने कुछ भी काम नहीं किया। जो घटना मेरी बेटी के साथ घटी, मैं शुरू से ही कह रहा हूं कि इसमें विभाग का ही एक व्यक्ति शामिल है।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना नौ अगस्त की है। मृतक मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा और प्रशिक्षु डॉक्टर थीं। आठ अगस्त को अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद रात के 12 बजे उसने अपने दोस्तों के साथ डिनर किया। इसके बाद से महिला डॉक्टर का कोई पता नहीं चला। घटना के दूसरे दिन सुबह उस वक्त मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया जब चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से अर्ध नग्न अवस्था में डॉक्टर का शव बरामद हुआ। घटनास्थल से मृतक का मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किया गया। पोस्टमॉर्टम की शुरुआती रिपोर्ट से पता चला है कि महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी। जूनियर महिला डॉक्टर का शव गद्दे पर पड़ा हुआ था और गद्दे पर खून के धब्बे मिले। शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि मृतक महिला डॉक्टर के मुंह और दोनों आंखों पर था। गुप्तांगों पर खून के निशान और चेहरे पर नाखून के निशान पाए गए। होठ, गर्दन, पेट, बाएं टखने और दाहिने हाथ की उंगली पर चोट के निशान थे।
मामले की जांच के लिए आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ने 51 डॉक्टरों को नोटिस जारी किया है। उन्हें 11 सितंबर को जांच समिति के सामने पेश होने को कहा गया है। उन पर संस्थान के लोकतांत्रिक माहौल को खतरे में डालने, डराने-धमकाने की संस्कृति को बढ़ावा देने और काम करने वाले माहौल को खराब करने का आरोप है। दरअसल, आरजी कर अस्पताल में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर की मौत के बाद नौ अगस्त से जूनियर डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि वे आरजी कर अस्पताल की मृतक डॉक्टर के लिए न्याय की मांग को लेकर अपना ‘काम बंद’ जारी रखेंगे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार शाम पांच बजे तक डॉक्टरों को काम पर लौटने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर डॉक्टर काम पर नहीं लौटते तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।
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