सीजेआई ने राष्ट्रीय न्यायिक संग्रहालय का किया उद्घाटन, एआई का जवाब सुनकर हुए खुश
संग्रहालय के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि 'इस संग्रहालय को बनाने की योजना में एक साल का समय लगा, जबकि सब कुछ तय हो जाने के बाद इसके निर्माण में छह महीने से कुछ ज्यादा का समय लगा।
नई दिल्ली (आरएनआई) देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट परिसर में नेशनल ज्यूडिशियल म्यूजियम एंड आर्काइव संग्रहालय का उद्घाटन किया। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न जज भी मौजूद रहे। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश ने म्यूजियम में मौजूद एआई से कुछ सवाल भी किए। सीजेआई ने एआई से पूछा कि क्या भारत में मौत की सजा संवैधानिक है। इस पर एआई ने जब देश में मौत की सजा को संवैधानिक बताते हुए विस्तार से जवाब दिया तो सीजेआई भी एआई के जवाब से खुश नजर आए।
संग्रहालय के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि 'इस संग्रहालय को बनाने की योजना में एक साल का समय लगा, जबकि सब कुछ तय हो जाने के बाद इसके निर्माण में छह महीने से कुछ ज्यादा का समय लगा। हम सिर्फ एक संग्रहालय ही नहीं बनाना चाहते थे, बल्कि हम ऐसा संग्रहालय बनाना चाहते थे, जो वैश्विक स्तर का हो। एक ऐसा संग्रहालय, जो हमारे संस्थानों की अहमियत दर्शाए। अपने सहकर्मियों की तरफ से मुझे इस संग्रहालय को देश को समर्पित करते हुए बेहद खुशी हो रही है और हमें उम्मीद है कि यह संग्रहालय युवा पीढ़ी को काफी कुछ सिखाएगा।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। उन्होंने न्यायाधीश पुस्तकालय को सार्वजनिक संग्रहालय में बदलने के फैसले पर आपत्ति जताई है। एससीबीए के पूर्व अध्यक्ष ने बुधवार को लिखे पत्र में बुनियादी ढांचे से संबंधित निर्णयों पर गहरी पीड़ा व्यक्त की। उनक दावा है कि इसमें विधि क्षेत्र से जुड़े लोगों की महत्वपूर्ण आवश्यकताओं की अनदेखी की गई है।
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