'सीएम स्टालिन ने अदाणी से नहीं की मुलाकात, अफवाह फैलाने वाले पर केस करेंगे', सेंथिल बालाजी की सफाई
बालाजी ने कहा कि मुख्यमंत्री की छवि खराब करने और फर्जा खबरें फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने फर्जी खबरें फैलाने के लिए विपक्षी दलों और मीडिया की आलोचना की।
चेन्नई (आरएनआई) अदाणी मामले पर तमिलनाडु के विद्युद मंत्री सेंथिल बालाजी ने खुलासा किया। उन्होंने बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने न तो उद्योगपति गौतम अदाणी से मुलाकात की और न ही अदाणी समूह के साथ कोई अनुबंध किया। इस मामले में फर्जी खबर फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी दी। उन्होंने बताया कि द्रमुख सरकार ने कोई अनुबंध नहीं किया था। केवल 7.01 प्रति यूनिट पर बिजली खरीद का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित था।
सेंथिल बालाजी ने अपने बयान में कहा, "यह समझ आता है कि कुछ नेता अन्नाद्रमुक सरकार की बिजली खरीद निर्णय को द्रमुक सरकार की बिजली खरीद निर्णय के रूप में चित्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके पास अदाणी कंपनी और अन्नाद्रमुक की आलोचना करने का साहस नहीं है।" उन्होंने आगे कहा, "द्रमुक शासन में अदाणी समूह के साथ कोई अनुबंध नहीं किया गया था। न ही मुख्यमंत्री ने उद्योगपति गौतम अदाणी से मुलाकात की।
बालाजी ने कहा, "मुख्यमंत्री की छवि खराब करने और फर्जा खबरें फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।" इसके साथ ही उन्होंने फर्जी खबरें फैलाने के लिए विपक्षी दलों और मीडिया की आलोचना की।
भारत के दूसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अदाणी सहित सात लोगों पर अमेरिका के न्याय विभाग ने आरोप लगाया है कि उन्होंने आंध्र प्रदेश और ओडिशा सरकार के अधिकारियों को महंगी सौर उर्जा खरीदने के लिए रिश्वत दी। इससे अदाणी समूह को अदाणी समूह को अगले बीस वर्षों में दो अरब डॉलर से ज्यादा का मुनाफा हो सकता था। अदाणी समूह ने इन आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि अमेरिकी अभियोजकों के आरोप बेबुनियाद हैं और समूह सभी कानूनों का पालन करता है।
अमेरिकी अधिकारियों ने कथित साजिश के संबंध में कनाडाई पेंशन फंड मैनेजर सीडीपीक्यू (कैस डी डेपो एट प्लेसमेंट डू क्यूबेक) के तीन पूर्व कर्मचारियों साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल और दीपक गुप्ता पर भी आरोप लगाए हैं। इसमें कहा गया कि उन्होंने ई-मेल नष्टकर और अमेरिकी सरकार को गलत जानकारी देने के लिए राजी होकर रिश्वत के मामले की जांच में बाधा पहुंचाई। बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश करने वाला सीडीपीक्यू अदाणी की कंपनियों में शेयरधारक है।
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