सीएम योगी बोले- विदेशी आक्रांता के महिमामंडन का मतलब देशद्रोह, आज के भारत को ऐसे देशद्रोही स्वीकार नहीं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विदेशी आक्रांताओं को गुणगान करने वाले देशद्रोही हैं। ऐसे लोगों को आज का भारत स्वीकार नहीं कर सकता है।

Mar 20, 2025 - 13:19
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सीएम योगी बोले- विदेशी आक्रांता के महिमामंडन का मतलब देशद्रोह, आज के भारत को ऐसे देशद्रोही स्वीकार नहीं

लखनऊ (आरएनआई) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बहराइच में विदेशी आक्रांताओं का महिमामंडन करने वालों को देशद्रोही करार दिया। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत की सनातन संस्कृति और परंपरा का गुणगान कर रही है तब भारत के महापुरुषों के प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव हर नागरिक का दायित्व होना चाहिए। इन स्थितियों में किसी भी आक्रांता का महिमामंडन नहीं करना चाहिए। आक्रांता के महिमामंडन का मतलब देशद्रोह की नींव को पुख्ता करना है और स्वतंत्र भारत ऐसे किसी देशद्रोही को स्वीकार नहीं कर सकता है।

उन्होंने कहा कि जो लोग भारत के महापुरुषों को अपमानित करते हों और उन आक्रांताओं का महिमा मंडन करते हों जिन्होंने भारत की सनातन संस्कृति को रौंदने का कार्य किया था, बेटियों की इज्जत पर हाथ डालने और हमारी आस्था पर प्रहार किया था, उसे आज का यह नया भारत स्वीकार करने को कतई तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री बहराइच में तहसील मिहींपुरवा (मोतीपुर) के मुख्य भवन के साथ ही आवासीय भवनों का उद्घाटन करने पहुंचे थे। तहसील का मुख्य और आवासीय भवन 845.19 लाख की लागत से 2,138 वर्ग मीटर में निर्मित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बहराइच भारत की ऋषि परंपरा से जुड़ा हुआ जनपद है। कहते हैं महर्षि बालार्क का एक विश्व प्रसिद्ध आश्रम इसी बहराइच में था। बहराइच की पहचान और नाम उन्हीं बालार्क ऋषि के नाम पर था। यह बहराइच वही ऐतिहासिक भूमि है जहां पर एक विदेशी आक्रांता को धूल धूषरित करते हुए महाराजा सुहेलदेव ने भारत की विजय पताका को फहराया था। महाराज सुहेलदेव ने विदेशी आक्रांताओं के खिलाफ जिस शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया उसी की परिणिति थी कि 150 वर्षो तक कोई विदेशी आक्रांता भारत पर हमला करने की दुस्साहस नहीं कर पाया था।

इस पावन धरा बहराइच को उसकी पहचान से वंचित करने का प्रयास हुआ था। पिछली सरकारें घोषणा करती थीं, लेकिन कार्य नहीं हो पाते थे। मिहींपुरवा तहसील में आज तक भवन नहीं था, जबकि एक सामान्य नागरिक के लिए सबसे ज्यादा कार्य तहसील से ही पड़ता है। भूमि संबंधी रिकॉर्ड हो, पैमाइश हो, वरासत की कार्यवाही हो, नामांतरण हो, बंटवारे का कार्य हो या फिर लैंड उसे से जुड़ी हुई इन सभी मामलों के निस्तारण का केंद्र तो तहसील है। जब तहसील का अपना भवन ही नहीं होगा तो एक सामान्य राजस्व से जुड़े मामलों में क्या न्याय मिल पाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन की सरकार प्रदेश में आई उस समय 33 लाख से अधिक ऐसे राजस्व वाद थे जो लंबित पड़े थे। यह मामले लंबित हैं तो गांव-गांव में मारपीट, बलवा होना, दबंग के द्वारा गरीब की जमीन को जबरन हथिया लेना आम बात रही होगी और यही कारण था उत्तर प्रदेश में पिछली सरकारों के निकम्मेपन के कारण यह केंद्र बेमानी और भ्रष्टाचार का अड्डा बन गए थे। एक सामान्य नागरिक न्याय की उम्मीद नहीं कर सकता था। गरीब की आवाज को दबाया जाता था। हम लोगों ने समय सीमा तय की कि अगर वाद लंबित है तो जवाबदेही तय होगी। इसी का परिणाम है कि हम लोगों ने 33 लाख मामलों का निस्तारण करके गरीब को न्याय दिलाने का काम किया है।

सरकार की कार्रवाई का परिणाम है कि एंटी भू माफिया टास्क फोर्स के माध्यम से 64 हजार एकड़ लैंड को अवैध कब्जे से मुक्त करने का कार्य किया गया है। आज प्रदेश में निवेश आ रहा है। डबल इंजन सरकार ने तय किया है कि हर गांव में ग्राम सचिवालय होगा। ग्राम सचिवालय में ऑप्टिकल फाइबर या वाईफाई की सुविधा देंगे और गांव में ही गांव के लोगों को बैंक की सुविधा मिलेगी। गांव में ही जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र सभी गांव में ही उपलब्ध हो इसके लिए ज्यादातर ग्राम पंचायतों ने इस कार्य को आगे बढ़ाना प्रारंभ किया है।

सीएम योगी ने कहा कि अब किसी गरीब का हक नहीं मारा जा सकता, इसके लिए सेटेलाइट के माध्यम से हम ऐसी व्यवस्था करेंगे कि 1 इंच भी जमीन किसी गरीब की मारी नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि यहां तहसील पर जिन अधिकारियों की तैनाती होगी वह बहराइच में रहें ऐसा नहीं हो सकता। उनके लिए आवास भी यही बनेगा। वह यहीं पर कैंपस में रहकर समस्या का समाधान करेंगे। हमने पहले ही कह रखा है कि जहां तहसील है, ब्लॉक है, थाना है, सर्किल है, वहां के अधिकारी वहीं पर रहेंगे, रात्रि निवास भी वहीं पर करें, क्योंकि बहानेबाजी नहीं चल सकती। जब उन्हें यह आवासीय सुविधा मिलेगी तो लोगों को समय से न्याय मिल सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं पिछले दिनों भी बहराइच आया था जब यहां पर भेड़िये के आतंक से लोग परेशान थे। उसने काफी बच्चों को अपना शिकार बनाया था लेकिन अंततः वह पकड़ा गया। हम लोगों ने पहले ही मानव वन्य जीव संघर्ष को आपदा की श्रेणी में रख करके उस परिवार को 5 लाख मुआवजा देने की व्यवस्था की। मुख्यमंत्री बोले कि अनंत संभावनाओं को समेटे यह जनपद बहराइच घाघरा और सरयू नदी के तट पर स्थित है। खेती करतनिया के रूप में यहां पर वन्य जीव अभ्यारण भी है और अब तो बहराइच में मेडिकल कॉलेज भी बन गया है और महाराजा सुहेलदेव का विजय स्मारक भी बनकर तैयार हो गया है। यह वही जनपद है जो पहले अव्यवस्था और अराजकता का शिकार हुआ करता था। आज बहराइच में कोई अव्यवस्था नहीं फैला सकता।

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