सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ मानहानि केस में राज्यपाल की याचिका पर सोमवार को सुनवाई
कलकत्ता हाईकोर्ट सोमवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस द्वारा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कुछ अन्य टीएमसी नेताओं के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे में अंतरिम आदेश के लिए दायर आवेदन पर सुनवाई करेगा।
कोलकाता (आरएनआई) पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी और कुछ अन्य टीएमसी नेताओं के खिलाफ राज्यपाल ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इस मामले पर अंतरिक आदेश के लिए दायर आवेदन पर कलकत्ता हाईकोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा।
पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 27 जून को दावा किया था कि महिलाओं ने उनसे शिकायत की थी कि वे राजभवन जाने से डरती हैं। इसके बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने 28 जून को सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया। जिस पर मानहानि के तहत मुकदमा चलाने के लिए बुधवार को न्यायमूर्ति कृष्ण राव ने अपनी अदालत में अनुमति दे दी।
इस मामले की सुनवाई करते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा अंतरिम आदेश के लिए दायर आवेदन, जिसमें बनर्जी और अन्य को विवादित मुद्दे पर आगे कोई टिप्पणी न करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सोमवार को सुनवाई की जाएगी। वहीं न्यायमूर्ति राव ने राज्यपाल बोस के वकील को इस बीच मुकदमे में प्रतिवादियों को आवेदन की प्रतियां देने का भी निर्देश दिया।
राज्य सचिवालय में एक प्रशासनिक बैठक के दौरान ममता बनर्जी ने 27 जून को कहा था कि "महिलाओं ने मुझे बताया है कि वे राजभवन में हाल ही में हुई घटनाओं के कारण वहां जाने से डरती हैं।" उनकी इस टिप्पणी के बाद राज्यपाल ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा था कि जनप्रतिनिधियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे "गलत और बदनामी वाली धारणा" न बनाएं। इसके बाद 2 मई को राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी ने बोस के खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। आरोप के बाद कोलकाता पुलिस ने जांच शुरू की थी। लेकिन संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत, राज्यपाल के पद पर रहने के दौरान उनके खिलाफ कोई आपराधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती।
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