सीएम ममता के फैसलों वाली टिप्पणी पर टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने माफी मांगी
भरतपुर से टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने दावा किया था कि पार्टी के भीतर कुछ लोग सुप्रीमो ममता बनर्जी के फैसलों के प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। कबीर के इस बयान के बाद अनुशासन समिति ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसके जवाब में विधायक ने पार्टी नेतृत्व से माफी मांगी है।
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कोलकाता (आरएनआई) तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक हुमायूं कबीर ने शुक्रवार को अपनी हाल की टिप्पणी के लिए पार्टी नेतृत्व से माफी मांगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि पार्टी के भीतर एक गुट मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के महत्वपूर्ण फैसलों को प्रभावित कर रहा है।
भरतपुर विधायक कबीर की टिप्पणी के बाद पार्टी की अनुशासन समिति द्वारा उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसके जवाब में विधायक कबीर ने माफी मांगते हुए अपनी टिप्पणी के लिए खेद व्यक्त किया।
विधायक ने संवाददाताओं से कहा, मैंने जवाब भेज दिया है। मैं निश्चित रूप से पार्टी अनुशासन का पालन करूंगा। लेकिन मुझे लगता है कि ग्रामीण इलाके का व्यक्ति होने के नाते, शहर के तौर-तरीकों से परिचित नहीं होने के कारण, मुझे अपने मन की बात कहने के लिए इस स्थिति का सामना करना पड़ा। विधायक ने कहा कि हमारी मुख्यमंत्री 'मां-माटी-मानुष' की भावना की प्रतीक हैं। जमीनी स्तर का व्यक्ति होने के नाते, मैं हमेशा जमीन से जुड़ा रहता हूं। शायद मुझे अपनी अभिव्यक्ति के तरीके के बारे में अधिक सावधान रहना चाहिए था। इस दौरान विधायक ने कहा कि कुछ अन्य टीएमसी सांसदों ने पहले भी पार्टी सहयोगियों के खिलाफ टिप्पणियां की थीं, लेकिन उनकी निंदा नहीं की गई।
टीएमसी की विधायी अनुशासन समिति के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि कारण बताओ पत्र का जवाब मिल गया है। इस पर जल्द ही निर्णय लेकर सूचित किया जाएगा।
बृहस्पतिवार को विधायक कबीर ने विधानसभा की लॉबी में सीएम ममता से मुलाकात की थी, जहां उन्होंने विधायक से पहले कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए कहा था।
26 नवंबर को, भरतपुर विधायक कबीर ने पश्चिम बंगाल विधानसभा परिसर के बाहर एक टीवी चैनल से बात कर आरोप लगाया था कि हमारी नेता ममता बनर्जी के आस-पास के लोग उनके शुभचिंतक नहीं हैं। वे केवल अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं, न कि ममता को राज्य की प्रशासनिक प्रमुख के रूप में बनाए रखना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि 2026 के विधानसभा चुनावों में इन लोगों को जवाब मिलेगा।
विधायक कबीर ने टीएमसी राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के बारे में कहा था कि वे पार्टी में नंबर दो हैं। जिन लोगों ने उनके प्रभाव को कम करने की कोशिश की, वे सफल नहीं होंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि बेलडांगा में पार्टी के वफादार कार्यकर्ताओं को, जो पहले चुनावों में पार्टी के लिए मेहनत कर चुके थे, प्रशासन द्वारा परेशान किया गया और गिरफ्तार किया गया। टीएमसी सुप्रीमो के फैसले को प्रभावित करने वाले इन नेताओं में से किसी ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं की मदद नहीं की।
कबीर ने यह भी कहा था कि अगर पार्टी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करना चाहती है, तो वे इसका विरोध नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी में कुछ लोगों के गलत कामों के खिलाफ बोलना जारी रखूंगा।
उन्होंने यह बात टीएमसी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के एक दिन बाद कही थी, जहां पार्टी ने अपने नेताओं से स्पष्ट रूप से कहा था कि वे किसी भी आंतरिक निर्णय के खिलाफ सार्वजनिक रूप से टिप्पणी न करें और विभिन्न स्तरों पर अनुशासन समितियां बनाईं।
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