सीएम केजरीवाल को नहीं मिली राहत, एम्स से परामर्श की मांग खारिज
कोर्ट ने कहा कि हम सीएम केजरीवाल के स्वास्थ्य की जांच के लिए एम्स निदेशक के नेतृत्व में एक पैनल गठित करने का निर्देश देते हैं। यह पैनल तय करेगा कि उन्हें इंसलिन दी जाए या नहीं।
नई दिल्ली (आरएनआई) राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को अपने निजी डॉक्टर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से परामर्श की इजाजत नहीं दी। कोर्ट ने तिहाड़ जेल ऑथोरिटी से कहा कि केजरीवाल को जेल के अंदर जरूरी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए, सेहत का ख्याल रखा जाए। अदालत ने केजरीवाल की सेहत को लेकर कहा कि अगर किसी विशेष परामर्श की जरूरत हो, तो तिहाड़ जेल ऑथोरिटी एम्स के मेडिकल बोर्ड से सलाह लेगी। एम्स के डायरेक्टर एक बोर्ड का गठन करेंगे, बोर्ड में सीनियर एंडोक्राइनोलॉजिस्ट/डायबेटोलॉजिस्ट शामिल होंगे।
सीबीआई और ईडी मामलों की विशेष जज कावेरी बावेजा ने अपने डॉक्टर से वीडियो परामर्श के लिए केजरीवाल की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल की सेहत और चिकित्सा जरूरतों के मद्देनजर अगर जरूरी होगा तो ये मेडिकल बोर्ड डाइट और एक्सरसाइज प्लान भी देगा। जब जब जरूरत होगी, तब मेडिकल बोर्ड अरविंद केजरीवाल से व्यक्तिगत रूप से जेल में मिलकर उनकी जांच कर सकता है।
एम्स का मेडिकल बोर्ड जल्द से जल्द कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। रिपोर्ट में बोर्ड इस पर भी अपनी राय देगा कि क्या केजरीवाल को अभी इंसुलिन की जरूरत है या नहीं। अभी केजरीवाल को घर से बना खाना मिलता रहेगा। लेकिन ये खाना उनके प्राइवेट डॉक्टर के डाइट चार्ट और एक अप्रैल को दिए आदेश के मुताबिक होगा। बाद में उनका खाना मेडिकल बोर्ड की तरफ से सुझाये गए डाइट प्लान के अनुसार होना चाहिए।
जेल ऑथोरिटी सुनिश्चित करेगी कि केजरीवाल को मिलने वाला खाना डॉक्टरों की सलाह के मुताबिक ही हो। अगर केजरीवाल इसका पालन नहीं करते तो जेल ऑथोरिटी इसे तुरंत कोर्ट के संज्ञान में लाएगी। अगर केजरीवाल को सेहत को लेकर भविष्य मे किसी स्पेशलिस्ट की जरूरत पड़ती है तो जेल ऑथोरिटी मेडिकल बोर्ड से सलाह लेकर इस पर फैसला करेगी
तिहाड़ जेल ऑथोरिटी अरविंद केजरीवाल की रिपोर्ट हर 15 दिन में नियमित अंतराल पर कोर्ट को भेजेगी। तिहाड़ जेल ऑथोरिटी की जिम्मेदारी होगी कि अरविंद केजरीवाल को जेल के अंदर जरूरी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उनकी सेहत का पूरा ख्याल रखा जाए।
इन दिनों अरविंद केजरीवाल के शुगर को लेकर दिल्ली में राजनीति गर्म है। आम आदमी पार्टी लगातार यह मुद्दा उठा रही है कि उनके नेता को तिहाड़ जेल प्रशासन इंसुलिन मुहैया नहीं करा रहा है, जबकि वह बीते कई सालों से इंसुलिन ले रहे हैं। इस पर तिहाड़ प्रशासन का भी जवाब आ चुका है।
शनिवार को एम्स के वरिष्ठ विशेषज्ञों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जेल में अरविंद केजरीवाल को परामर्श दिया। 40 मिनट की विस्तृत परामर्श के बाद केजरीवाल को आश्वस्त किया गया कि उन्हें कोई गंभीर समस्या नहीं है। उन्हें निर्धारित दवाएं जारी रखने की सलाह दी गई। जिनका नियमित आधार पर मूल्यांकन और समीक्षा की जाएगी।
अरविंद केजरीवाल की पत्नी के अनुरोध पर तिहाड़ जेल प्रशासन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजन किया था। एम्स के वरिष्ठ विशेषज्ञ के अलावा आरएमओ तिहाड़ और एमओ तिहाड़ मौजूद थे।
अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल सुप्रिडेंटेंट को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में सीएम ने कहा है कि मैंने अखबार में तिहाड़ प्रशासन का बयान पढ़ा है। मुझे बयान पढ़कर दुख हुआ है। तिहाड़ के दोनों बयान झूठे हैं। मैं रोज इन्सुलिन मांग रहा हूं। मैंने गुलुको मीटर की रीडिंग दिखाया बताया कि दिन में 3 बार शुगर बहुत हाई जा रही है। शुगर 250 से 320 के बीच जाता है। एम्स के डॉक्टरों ने कभी भी नहीं कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। वो डाटा और हिस्ट्री देखकर बताएंगे। तिहाड़ का प्रशासन राजनीतिक दवाब में झूठ बोल रहा है।
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