सीएए के जरिए संविधान में समानता के विचार को खत्म कर दिया गया : मुख्यमंत्री पिनराई विजयन
सीएम ने अपनी एक किताब में आरएसएस विचारक एम एस गोलवलकर के उद्धरण का जिक्र किया, जिसमें ईसाइयों, मुसलमानों और कम्युनिस्टों को देश का आंतरिक दुश्मन बताया गया था।
कासरगोड (आरएनआई) केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने केंद्र पर एक बार फिर तीखा हमला बोला है। सीएम ने विवादित नागरिकता(संशोधन) अधिनियम(सीएए) को लेकर कहा कि कि समानता का विचार इसमें निहित है, लेकिन इस कानून के जरिए संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
राज्य के सबसे उत्तरी जिले में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा आयोजित एक विशाल सीएए विरोधी रैली को संबोधित किया। इस दौरान विजयन ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा, संरचना एडॉल्फ हिटलर और बेनिटो मुसोलिनी के फासीवाद से अपनायी गयी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को नियंत्रित करने वाला आरएसएस धर्मनिरपेक्षता को मान्यता नहीं देता है।
विजयन ने कहा, 'हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है, लेकिन आरएसएस ने कभी भी धर्मनिरपेक्षता को स्वीकार नहीं किया। यह संघ भारत को धर्मतंत्र बनाना और धर्मनिरपेक्षता को हटाना चाहता है। यह हममें से कुछ लोगों को दुश्मन मानता है। इसने धार्मिक अल्पसंख्यकों और कम्युनिस्टों को आंतरिक दुश्मन घोषित कर दिया था।'
सीएम ने अपनी एक किताब में आरएसएस विचारक एम एस गोलवलकर के उद्धरण का जिक्र किया, जिसमें ईसाइयों, मुसलमानों और कम्युनिस्टों को देश का आंतरिक दुश्मन बताया गया था। वामपंथी नेता ने कहा 'इसकी आरएसएस की विचारधारा किसी प्राचीन ग्रंथ या मिथक या वेद या मनुस्मृति से नहीं बल्कि हिटलर से ली गई थी। हमने हिटलर के शासन के बाद हुए नरसंहार को देखा, जिसने पूरी मानव जाति को झकझोर कर रख दिया। हालांकि, हिटलर के कार्यों की भारत में आरएसएस द्वारा प्रशंसा की गई थी। उन्होंने घोषणा की कि किसी देश के आंतरिक मुद्दों को हिटलर के जर्मनी से उदाहरण लेकर हल किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री विजयन ने आगे कहा कि आरएसएस नेताओं ने मुसोलिनी का दौरा किया था और फासीवादी संगठनात्मक ढांचे को अपनाया था। उन्होंने कहा कि भारत की ताकत हमेशा इसकी विविधता में एकता में निहित है।
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