साल का पहला सूर्य ग्रहण आज
आज साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा। यह सूर्य ग्रहण 50 वर्षों बाद सबसे लंबा चलने वाला ग्रहण होगा जो करीब 5 घंटे और 25 मिनट तक चलेगा। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा जिसके चलते जब ग्रहण अपने चरम पर होगा तब कुछ समय के लिए पृथ्वी पर अंधेरा छा जाएगा। इस सूर्य ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा जिसके कारण सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा।
नई दिल्ली (आरएनआई) आज लगने वाला साल के पहले सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य और राहु दोनों ही रेवती नक्षत्र में रहेंगे। इसका नकारात्मक प्रभाव देश-दुनिया को देखने को मिल सकता है। आज लगने वाला साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। लेकिन दुनिया के कई हिस्सों में कहीं पूर्ण तो कहीं आंशिक सूर्य ग्रहण के नजारे को देखा जा सकता है। भारतीय समय के अनुसार आज रात 9 बजकर 12 मिनट से सूर्य ग्रहण शुरू हो जाएगा।
हिंदू धर्म में ग्रहण को शुभ नहीं माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के समय सभी देवी-देवता कष्ट में रहते हैं। ऐसे में ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए सूर्यदेव के बीज मंत्र ऊं घृणि सूर्याय नम: के मंत्रों का जाप अवश्य करें।
साल के पहले सूर्य ग्रहण का प्रभाव और सूतक काल भारत पर नहीं पड़ेगा। इस कारण से सभी तरह के शुभ कार्य और धार्मिक अनुष्ठान बिना रोक टोक के किया जा सकता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है और इस ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को न तो ग्रहण देखना चाहिए और न ही ग्रहण के दौरान घर से बाहर जाना चाहिए। ग्रहण के दौरान अगर गर्वभती महिलाएं सूर्य ग्रहण देखती हैं या फिर बाहर निकलती हैं तो गर्भ में पल रहे नवजात शिशु पर नकारात्मक असर पड़ता है। ग्रहण के दौरान सूर्य से निकलने वाली किरणें मां और बच्चे की सेहत पर बुरा प्रभाव डालती हैं।
आज चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि और कल से यानी 09 अप्रैल से चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। हर वर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर चैत्र नवरात्रि शुरू होती है। लेकिन इस बार चैत्र नवरात्रि के शुरू होने से एक दिन पहले सूर्य ग्रहण लग रहा है। भारतीय समयानुसार यह ग्रहण 08 अप्रैल को रात 09 बजकर 12 मिनट से शुरू होगा जो 9 अप्रैल की सुबह 2 बजकर 22 मिनट तक चलेगा। लेकिन भारत में इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा इस कारण सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। ऐसे में मां दुर्गा की आराधना के पर्व नवरात्रि पर इसका कोई प्रभाव नहीं रहेगा।
जैसे कि हम सभी जानते हैं कि सूर्य के चारों ओर पृथ्वी चक्कर लगाती है और पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा घूमता है। जब सूर्य, पृथ्वी और चांद तीनों ही एक सीध में आ जाते हैं तो इस घटना के कारण सूर्य और चंद्र ग्रहण होता है। जब चांद पृथ्वी के चक्कर काटते हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तो इसे सूर्य ग्रहण कहते हैं। इस दौरान सूर्य से पृथ्वी पर आने वाली प्रकाश की किरणें चांद की वजह से पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती है। और चांद की छाया पृथ्वी पर पड़ती है। इस घटना को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं।
विज्ञान में ग्रहण की घटना को खगीलीय माना जाता है जबकि ज्योतिष में इसे शुभ नहीं माना जाता है। आज जो सूर्य ग्रहण लगेगा वह भारत में नही दिखाई देगा, जिस कारण से इसका सूतक काल प्रभावी नहीं रहेगा। भारतीय समय के अनुसार आज रात 09 बजकर 12 मिनट से सूर्य ग्रहण शुरू हो जाएगा जो देर रात 2 बजकर 22 मिनट तक चलेगा।
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