सरस्वती विहार कॉलोनी की 11 माह से आरआई और पटवारी के मेल जोल से जांच लंबित हैं:कलेक्टर ले संज्ञान
गुना (आरएनआई) न्यायालय के आदेश के बाद विवादित जमीन न वादी की मानी गई न प्रतिवादी की। इसके बाद जमीन की बिक्री पर बिक्री होकर उनके नामांतरण हो गए। जिसकी शिकायत पर जांच 11 माह से तहसील में लंबित हैं।
वही सुविग सूत्र अनुसार सरकारी नाले पर कब्जे कर कॉलोनाइजर के द्वारा अवेध कॉलोनी के अंतर्गत प्लॉट बना कर उनको विक्रय करते हुए उनकी बिक्री, रजिस्ट्री और नामांतरण भी हो गए कि जानकारी मिली हैं। वही कुछ वर्ष पूर्व 60 फुट के नाले को सरकारी राजस्व रिकार्ड में भी खुर्द बुर्द कर राजनेतिक लाभ,कॉलोनी और एक स्कूल के लिए धनाढ्य लोगो के हित में दिशा का बदला जाना क्या शासन हित में हैं। अगर नही तो कुछ अधिकारी दबे शब्दो में ऐसा होना क्यों पूर्व के एक बड़े अधिकारी द्वारा नाले की दिशा को बदला जाना,तथा पूर्व नाले की जमीन में प्लॉट काट कर विक्रय हो मकान निर्मित हो गए हैं।जिसमे शासन के नियमो को अनदेखा किया जाना जानकार बता रहें हैं। अगर ये गलत ओर नियम विरुद्ध हैं तो इस गड़बड़ी को करने ओर कराने वालो सहित कॉलोनीकाटने वाले पर भी जनहित में बेधानिक करवाही की मांग जनता ने वर्तमान कलेक्टर से की हैं। जनता ने मांग की हैं उन जमीनों की बिक्री और उनके नामांतरण निरस्त किए जाए।
इसको लेकर विधि के जानकारो की भी यही राय हैं कि यह नियम और विधि विरुद्ध हैं,इनके नामांतरण निरस्त होने चाहिए। जिसमे बांके बिहारी टाउन और सरस्वती विहार व उससे लगी कॉलोनी काटी गई हैं। बता दे कि सरस्वती विहार कॉलोनी की 11 माह से ज्यादा समय से जांच लंबित हैं तहसील में, वही जांच के दौरान कॉलोनी बिक कर कॉलोनाइजर और भूमाफियाओं ने पौ बारह कर ली हैं।
Follow the RNI News channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2Xp81Z
What's Your Reaction?