सरकार ने तो अपना वादा नही निभाया पर हम अपना वादा जरूर निभायेंगे, 3 दिसंबर को तीसरी बार गुना कलेक्ट्रेड से भोपाल मुख्यमंत्री निवास के लिए निकलेगी दिव्यांग स्वाभिमान यात्रा
गुना (आरएनआई) प्रदेश के दिव्यांगो ने एक बार फिर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है, क्योकि सरकार की कथनी और करनी में बहुत बड़ा अंतर देखनो को मिलता है राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव ने पहले दिव्यांगो से वादा किया था उनकी 16 सूत्रीय मांगो को जल्दी ही पूरा कर दिया जाएगा पर अब तक दिव्यांगो की किसी भी मांग को गंभीरता पूर्वक नही लिया गया है, जिले में दो बार दिव्यांगो की पदयात्रा निकल चुकी है, पिछले वर्ष दौराना चौराह से गुना कलेक्ट्रेड तक यात्रा निकाली गई थी उसी समय दिव्यांगो ने वादा किया था कि यदि हमारी मांगो को नही माना गया तो ये यात्रा गुना कलेक्ट्रेड से भोपाल मुख्यमंत्री निवास तक निकाली जायेगी, लगभग डेढ़ वर्ष के लम्बे इंतज़ार के बाद दिव्यांगो ने एक बार फिर दिसरी बार यात्रा निकालने का निर्णय लिया है, दिव्यांग स्वाभिमान यात्रा के उप संचालक एवं मीडिया प्रभारी सुनील पंत ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश के दिव्यांगो के विषयों को गंभीरता से नही लेती, हाल ही में प्रदेश में दिव्यांगो की होने वाली विशेष भर्ती में कई प्रकार की अनियमिताएं देखने को मिली है, दिव्यांग अधिनियम 2016 का जमीनी स्तर पर पलान कराने में भी प्रदेश सरकार असफल रही है, जिससे दिव्यांग समाज परेशान है व दिव्यांगो में रोष व्याप्त है, इन सभी विषयों को प्रखरता से राज्य सरकार के सामने रखने के लिए दिव्यांग 3 दिसंबर विश्व दिव्यांगता दिवस को गुना कलेक्ट्रेड से तीसरी बार दिव्यांग स्वाभिमान यात्रा शुरू होगी, यात्रा का रूट मैप जल्दी ही जारी होगा !
ये हैं हमारी 16 सूत्रीय मांगें -
1) पेंशन को 5000/- रु. प्रतिमाह किया जाये।
2) दिव्यांगों के लिये आयुक्त एवं मुख्य आयुक्त के पद पर दिव्यांग व्यक्तियों को नियुक्त किया जाये, एवं दिव्यांग आयोग का गठन किया जाये।
3) दिव्यांगो के यूडीआईडी कार्ड को हर विभाग में व्यवहारिक रूप से लागू किया।
4) दिव्यांग अधिनियम 2016 एवं मध्य प्रदेश दिव्यांग अधिनियम 2017 धरातल पर लागू किया जाये।
5) सभी जिलों में दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों का सुचारू रूप से संचालन किया जाये तथा दिव्यांगों की सभी समस्याओं का हल कर उनका पुनर्वास किया जावे।
6) दिव्यागों के लिये बिजली के बिलों मे पूरी छूट दी जाये।
7) आवासहीन दिव्यांगों को पट्टा वितरण कर आवास एवं शौचालय प्राथमिकता के साथ उपलब्ध कराये जायें।
8) शिक्षा एवं उच्च शिक्षा के सभी क्षेत्रों मे दिव्यांगों को निशुल्क शिक्षा एवं निःशुल्क छात्रावास का प्रावधान हो। छात्रावास उपलब्ध ना होने की स्थिति मे क्षेत्रवार आवास भत्ता उपलब्ध कराया जाये।दिव्यांग दम्पत्ति के दो बच्चों की नर्सरी से उच्च शिक्षा तक की पढ़ाई की निशुल्क व्यवस्था कि जाये।
9) सभी विभागों में दिव्यांगों के रिक्त पदों को बैकलॉग भर्ती के माध्यम से शीघ्र भरा जाये।
10) दिव्यांगों के लिये 5 लाख तक का लोन बिना किसी गारंटी के अनिवार्य रूप से प्राथमिकता के साथ दिया जाये, जिसमें कम से कम 50% सब्सिडी दी जाए। इसके लिये प्रत्येक जिले में एकल खिड़की की व्यवस्था कि जाये।
11) यदि दोनो दिव्यांग है तो 2 लाख एवं एक दिव्यांग है तो 5 लाख रुपए दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन राशि दी जाये एवं जिला स्तर पर ऐसी दंपत्तियों को सम्मानित किया जाये ताकी दिव्यांग व्यक्ति से विवाह के प्रति समाज में एक सकारात्मक संदेश पहुच सके।
12) आउट सोर्स भर्ती में दिव्यांगों के लिये 20 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य किया जाये।
13) ग्रामीण शहरी अंचल कि दिव्यांग खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने हेतु निशुल्क खेल सामग्री एवं ट्रेनिंग सेन्टर तहसील एवं जिला स्तर पर हो जिससे कि वह प्रदेश के दिव्यांग खिलाड़ी भी राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतकर अपने जिले, राज्य एवं देश को गौरान्वित कर सके।
14) दिव्यांगों का होरिजेंटल आरक्षण समाप्त कर एस.सी./एसटी/ओ.बी.सी/ की तरह ही दिव्यांगों का भी स्वतंत्र वर्ग निर्धारित कर आरक्षण दिया जाये।
15) सामाजिक न्याय एवं दिव्यांग शसक्तिकरण विभाग से दिव्यांग शसक्तीकरण विभाग को अलग किया जाये।
16) पंचायत, नगरीय निकाय विधानसभा एवं संसद के दोनों सदनों में दिव्यांगों को 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाये।
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