सरकार की यही मंशा थी कि सत्र नहीं चले : मल्लिकार्जुन खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि सरकार की यही मंशा थी यह सत्र नहीं चले और अगर सरकार का रुख यही रहा तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।

Apr 6, 2023 - 13:00
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सरकार की यही मंशा थी कि सत्र नहीं चले : मल्लिकार्जुन खरगे
मल्लिकार्जुन खरगे

नयी दिल्ली, 6 अप्रैल 2023, (आरएनआई)। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि सरकार की यही मंशा थी यह सत्र नहीं चले और अगर सरकार का रुख यही रहा तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी दल आगे भी मिलकर लड़ेंगे। खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ‘मोदी सरकार लोकतंत्र के बारे में बातें तो बहुत करती है, लेकिन कहने के मुताबिक चलती नहीं है। 50 लाख करोड़ रुपये का बजट सिर्फ 12 मिनट में, बिना चर्चा किए पारित कर दिया गया।”

उन्होंने दावा किया, ‘सत्तापक्ष की तरफ से संसद की कार्यवाही में बार बार व्यवधान डाला गया। ऐसा पहली बार हुआ है। पूर्व में ऐसा कभी नहीं देखा।’

खरगे ने आरोप लगाया, ‘सरकार की मंशा थी कि सत्र नहीं चले। इस व्यवहार की हम निंदा करते हैं। अगर सरकार का रुख ऐसा ही रहता है तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा और देश तानाशाही की तरफ बढ़ जाएगा।’

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खरगे ने कहा कि विपक्ष ने अडाणी समूह से जुड़ा मुद्दा उठाया था कि अडाणी को इतना महत्व क्यों दिया जा रहा है और उनकी सम्पत्ति इतनी अधिक कैसे बढ़ी।

उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी ने लोकसभा में अडाणी मुद्दे को लेकर सवाल किये थे।’’

खरगे ने कहा, ‘हम मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग कर रहे थे। जब जेपीसी बनती तो उनके (सत्ता पक्ष के) ज्यादा सदस्य होते, फिर सरकार जेपीसी बनाने से क्यों डरती है?’

कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक, ‘‘लगता है कि दाल में कुछ काला है, इसीलिए जेपीसी के गठन की मांग नहीं मानी जा रही है।’’ उन्होंने दावा किया कि सत्ता पक्ष ने अडाणी मामले से ध्यान भटकाने के लिए राहुल गांधी की लंदन में की गई टिप्पणी का मुद्दा उठाया और उनसे माफी की मांग की।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राहुल गांधी को 2019 के मानहानि के एक मामले में अदालत द्वारा दोषी ठहराते और सजा सुनाते ही लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया, लेकिन 2016 में भाजपा सांसद नारणभाई कछाडिया को तीन साल की सजा होने पर भी, अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए पूरा समय दिया गया।

उन्होंने सवाल किया, ‘क्या यही लोकतंत्र है?’

उन्होंने कहा कि विपक्ष न्याय, संविधान और लोकतंत्र के लिए लड़ रहा है।

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