समुद्र में श्रीलंकाई नौसेना बेलगाम, मछली पकड़ रहे 11 भारतीय मछुआरों को पकड़ा
भारत और श्रीलंका के बीच मछुआरों की गिरफ्तारी का मुद्दा काफी लंबे समय से गरम है। आए दिन मछली पकड़ने गए मछुआरों को श्रीलंकाइ नौसेना की ओर से गिरफ्तार कर लिया जाता है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन कई विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मामले की हल निकालने के लिए द्विपीय राष्ट्र पर दबाव बनाने की बात कर चुके हैं।

चेन्नई (आरएनआई) एक बार फिर तमिलनाडु के मछुआरे श्रीलंकाई नौसेना के शिकंजे में फंस गए हैं।श्रीलंकाई नौसेना ने बंगाल की खाड़ी में मछली पकड़ रहे एक नाव में सवार तमिलनाडु के 11 मछुआरों को पकड़ लिया है। उन्हें जांच के लिए उन्हें कांगेसंथुरई नौसेना शिविर ले जाया गया है। रामेश्वरम मछुआरा संघ के मुताबिक, आए दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं। सरकार को इस बारे में गंभीरता से सोचना होगा।
यह कार्रवाई ऐसे वक्त की गई है, जब अगले महीने ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीलंका के दौरे पर जाने वाले हैं। यह यात्रा ऐसे वक्त हो रही है, जब भारत और श्रींलका के बीच मछुआरों की गिरफ्तारी का मुद्दा गरम है। इस कारण से दोनों देशों के बीच तनातनी चल रही है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन कई बार विदेश मत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर मुद्दे के स्थायी हल निकालने के लिए काम करने को कह चुके हैं।
इससे पहले महीने की शुरुआत मे श्रीलंकाई नौसेना ने सीमा पार से मछली पकड़ने के आरोप में पंबन क्षेत्र से 14 मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया था। पिछले महीने की 23 की तारीख को भी श्रीलंकाई अधिकारियों ने द्वीप राष्ट्र के जलक्षेत्र में प्रवेश करने के आरोप में 32 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने मछली पकड़ने वाली उनकी पांच नौकाएं भी जब्त की थीं।
इस बीच श्रीलंका की जेल से रिहा हुए सात मछुआरे चेन्नई एयरपोर्ट पहुंचे। इनमें से चार मछुआरों को 20 फरवरी को और बाकी तीन को 22 फरवरी को सीमा पार से मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
इस साल करीब 150 से अधिक भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया गया
इससे पहले श्रीलंकाई नौसेना ने दावा किया था कि उन्होंने 2024 में श्रीलंकाई जलक्षेत्र में मछली पकड़ने के लिए घुसे 550 से अधिक भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया है। इस साल अब तक करीब 150 से अधिक भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
हेराथ ने कहा कि भारत के प्रति नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) सरकार की सद्भावना नीति के परिणामस्वरूप द्वीप राष्ट्र को कई लाभ हुए हैं, जिनमें कई चल रही भारतीय परियोजनाएं भी शामिल हैं। हेराथ ने कहा, 'हम अपनी विदेश नीति में किसी का पक्ष लिए बिना तटस्थ रहेंगे और राष्ट्रीय हित को बनाए रखने के लिए काम करेंगे।" 2015 के बाद से यह प्रधानमंत्री मोदी की द्वीप राष्ट्र की चौथी यात्रा होगी।' इससे पहले पीएम मोदी ने 2015, 2017 और 2019 में श्रीलंका का दौरा किया था।
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