समाज जनों ने आचार्य श्री की प्रथम समाधि स्मृति पर किए विभिन्न सेवा कार्य, संत समाज के हिमालय थे आचार्य श्री
गुना (आरएनआई) आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की प्रथम समाधि स्मृति महोत्सव के अवसर पर चतुर्दिवसीय कार्यक्रम संपूर्ण भारत वर्ष में आयोजित किए जा रहे हे। इसी के अंतर्गत अखिल भारतवर्षीय दिगंबर जैन महिला परिषद शाखा गुना द्वारा मंगलवार 18 फरवरी को जैन गौशाला बूढ़े बालाजी पर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के प्रथम स्मृति दिवस को अहिंसा दिवस के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम समिति अध्यक्ष बिंदु जैन व सचिव सरिता जैन की विशेष उपस्थिति में संपन्न हुआ। जिसमें गौ माता को हरा चारा, गुड़ और रोटी खिलाकर आचार्य श्री का प्रथम स्मृति दिवस मनाया। साथ ही गौसेवकों को कपड़ा भेंट कर उन्हे सम्मानित किया। इस अवसर पर पूजा जैन, निर्मला जैन, वीणा जैन, रागिनी जैन नीतू जैन व अन्य सदस्य उपस्थित रहे।इन्होंने कहा कि जन-जन के संत थे आचार्य विद्यासागर जी महाराज वह त्याग, तपस्या और ज्ञान के भंडार के साथ साथ संत विद्यासागर मुनि संत समाज के हिमालय है। उन्होंने संपूर्ण विश्व को जो दिया है हम उसका ऋण कभी नहीं चुका सकते। राष्ट्र के प्रति प्रेम, हिंदी का उत्थान, जीव दया और प्राणी मात्र के प्रति सकारात्मक सोच हथकरघा प्रतिभा स्थली की स्थापना से मानव समाज का उत्थान हुआ है। आचार्य भगवन सिर्फ जैनो के नहीं बल्कि जन-जन के संत हैं न उनके जैसा कोई था और न होगा। उनका जाना पूरे हिंदुस्तान के लिए महत्वपूर्ण क्षति है पर वे हमारे अंतर्मन में हमेशा विराजमान रहेंगे और उनका आशीर्वाद सदैव हमारे साथ रहे यही ईश्वर से कामना करते हे।
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