शाहजहांपुर के समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार द्वारा अपने चहेते कर्मचारियों से कंप्यूटर में खातों की फीडिंग कराने के बहाने जनपद के 4965 गरीब वृद्ध पुरुष व महिला वृद्धावस्था पेंशन धारकों के खातों की बजाय दलालों के खातों को फीड करके उनके खातों में तीन-तीन हजार रुपए की तीन किससे स्थानांतरित कर दी बेचारे गरीब बृद्व पुरुष महिला महीनों से अपनी पेंशन पाने के लिए समाज कल्याण विभाग के चक्कर काट रहे थे किंतु उन्हें कोई सटीक उत्तर नहीं मिल रहा था विभाग के दलाल सरकार से फंड ना आने का बहाना कर सबको टालते रहे धैर्य की सीमा टूटने के बाद जब कुछ पेंशन धारकों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की तो जिलाधिकारी ने समाज कल्याण विभाग की साइट पर जाकर जांच कराई तो वृद्ध पेंशन धारकों के जगह दलालों के नाम देखकर चौंक पड़े गंभीरता से जांच करने पर 4900 करोड़ से ज्यादा का घोटाला प्रकाश में आया घोटाले का खुलासा होते ही समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार फरार हो लिए जिनकी लोकेशन का अभी तक कुछ पता नहीं है जिलाधिकारी ने मामले की विस्तृत जांच के लिए जिला विकास अधिकारी के नेतृत्व में चार सदस्यी टीम गठित कर पूरे प्रकरण की गंभीरतापूर्वक जांच करने के आदेश दे दिए हैं लेकिन 100 से अधिक दलालों की लंबी फौज जिनके खातों में गरीब बृद्ध लोगों की पेंशन का पैसा हड़पने की नीयत से स्थानांतरित किया गया उनके विरुद्ध प्रशासन द्वारा कोई भी विधिक कार्यवाही अभी तक न किया जाना प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह बना हुआ है हालांकि समाज कल्याण विभाग में घोटाले का यह पहला मामला नहीं है इससे पहले भी इस विभाग में घोटाले हो चुके हैं जिला प्रशासन द्वारा जांच भी कराई गई किंतु ना तो दोषियों को दंड मिला और ना ही जिनके अधिकारों का हनन हुआ उनको उनका मुआवजा कालांतर में जांच की कार्यवाही ठंडे बस्ते में चलती चली गई अब प्रश्न उठता है क्या पूर्व में की गई कार्यवाही की भाँति इस प्रकरण में भी शनै शनै जांच ठंडे बस्ते में ही पड़ जाएगी या वास्तव में दोषियों को दंड मिलेगा और पीड़ितों को न्याय?