सभी का उत्थान चाहने वाले महापुरुष थे महामना पं. मदनमोहन मालवीय
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वृन्दावन।प्रेम गली (वनखंडी) स्थित मां अन्नपूर्णा मन्दिर में अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा के संस्थापक भारतरत्न महामना पंडित मदनमोहन मालवीय का जन्म महोत्सव उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ।संतों व विद्वानों ने मालवीयजी के चित्रपट का पूजन-अर्चन व माल्यार्पण वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य किया।
अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने महोत्सव की अध्यक्षता करते हुए कहा कि महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने ब्रिटिश हुकूमत के अत्याचारों से रक्षा करने के लिए अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा की स्थापना की थी।जिससे कि विप्र, धर्म व संस्कृति आदि को संरक्षित किया जा सके।
महासभा के नगर उपाध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक महामना पंडित मदनमोहन मालवीय सभी जातियों के संपोषक थे।वे सभी का उत्थान चाहने वाले महापुरुष थे।उन्होंने राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया।साथ ही उन्होंने ब्रिटिश काल में स्वतंत्रता सैनानियों पर चल रहे झूठे मुकदमों की निःशुल्क पैरवी भी बतौर बैरिस्टर की थी।
प्रमुख अध्यात्मविद पंडित रामनिवास गुरुजी व पंडित जयगोपाल शास्त्री ने कहा कि महामना पंडित मदनमोहन मालवीय ज्ञान के पुजारी थे।इसीलिए उन्होंने काशी में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की। जो कि आज शिक्षा जगत का विश्वविख्यात संस्थान है।
ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के सेवाधिकारी आचार्य अशोक गोस्वामी व आचार्य करन कृष्ण गोस्वामी ने कहा कि महामना पंडित मदनमोहन मालवीय हमारे देश की बहुमूल्य निधि थे।उन जैसी पुण्यात्माएं पृथ्वी पर कभी कभार ही अवतरित होती हैं।उनकी हमारे देश व समाज को एक नहीं अपितु देनें हैं।
इस अवसर पर ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत आशीष गोस्वामी, प्रमुख समाजसेवी श्रीगोपाल वशिष्ठ, प्रमुख शिक्षाविद् आनंद बिहारी शर्मा,उड़िया बाबा आश्रम के प्रभारी पंडित कुलदीप दुबे, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, विष्णुकांत भारद्वाज ब्रजवासी भैया, लक्ष्मीकांत शर्मा, ब्रजेश कुमार गिरि, ईश्वर चंद्र रावत, रमेश चंद्र गौतम मस्तराम, बालकृष्ण शर्मा, बालो पंडित, आचार्य विवेक, देवेश वशिष्ठ, गिर्राज शरण कुल्लू, प्रदीप गोस्वामी बिंदु, मेघश्याम व द्वारिका प्रसाद आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।
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