सफाईकर्मियों के हड़ताल पर जाने से व्यवस्था चरमराई, पालिका कर्मचारियों के साथ पुरोहितों ने किया श्रमदान
नगर पालिका के अस्थायी सफाईकर्मियों के हड़ताल पर जाने से पुष्कर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। सरोवर में मरने वाली मछलियों की दुर्गंध से वातावरण दूषित हो रहा है। इसी के मद्देनजर आज सरोवर की सफाई के लिए श्रमदान किया गया।
अजमेर (आरएनआई) नगर पालिका के अस्थायी सफाईकर्मियों के हड़ताल पर जाने से पुष्कर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। सरोवर में मरने वाली मछलियों की दुर्गंध से वातावरण दूषित हो रहा है। इसी के मद्देनजर आज सरोवर की सफाई के लिए श्रमदान किया गया।
अजमेर जिले के पुष्कर में नगर पालिका के अस्थायी सफाईकर्मियों के हड़ताल पर जाने से पुष्कर सरोवर समेत पूरे कस्बे की सफाई व्यवस्था गड़बड़ाने लगी है। विशेष रूप से सरोवर में मरने वाली मछलियों से दुर्गन्ध फैलने लगी है। इसको देखते हुए आज पालिका के स्थायी कर्मचारी और पुष्कर के पुरोहित सफाई के लिए आगे आए।
पालिका के सहायक अभियंता रामनिवास मीणा के नेतृत्व में आज पालिका के कर्मचारियों और पुरोहितों ने सरोवर के 52 घाटों पर सघन सफाई अभियान चलाया। पालिका के सहायक अभियंता रामनिवास मीणा ने बताया कि इस दौरान मरी हुई मछलियों को सरोवर से बाहर निकाला गया और श्रद्धालुओं द्वारा छोड़े गए कपड़ों सहित दूसरी गंदगी को हटाया गया।
पुरोहित अंकित पाराशर ने बताया कि सरोवर से ही पुष्कर की पहचान है इसलिए यदि कभी किसी कारण से सफाई संबंधी हालात बिगड़े तो पूरे नगर को पुरोहितों के साथ आना चाहिए। पाराशर ने कहा कि पालिका प्रशासन मछलियों के पोस्टमार्टम का दावा तो कर रहा है लेकिन आज तक रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की। उन्होंने कहा कि फीडर किनारे बनी होटलों और खरेकडी में चल रहे कारखाने से बारिश के पानी के साथ जहरीले रसायन आ गए हैं, जिससे मछलियां मर रही हैं। पालिका ने एरिएशन का काम ठीक किया है। अब सरोवर में चूने की जगह फिटकरी डालनी चाहिए और पानी को साफ करने के लिए दूसरी दवाइयां डालनी चाहिए।
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