सपा-बसपा के धन्यवाद और आभार में नई सियासत की आहट तो नहीं! भाजपा सतर्क, हर बयान पर रख रही नजर

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और मायावती के बीच हुआ संवाद भाजपा के लिए परेशानी बन सकता है। भाजपा दोनों दलों के नेताओं के बयान और हर कदम पर पूरी नजर रख रही है।

Aug 30, 2024 - 14:40
 0  1.1k
सपा-बसपा के धन्यवाद और आभार में नई सियासत की आहट तो नहीं! भाजपा सतर्क, हर बयान पर रख रही नजर

लखनऊ (आरएनआई) सपा और बसपा के प्रमुखों के बीच आभार व धन्यवाद ने प्रदेश के सियासी गलियारों में नई अटकलों को हवा दे दी है। इसे सपा-बसपा के बीच तल्खी कम होना ही नहीं, बल्कि प्रदेश में बनने वाले नए समीकरणों के तौर पर भी देखा जा रहा है। भाजपा का मानना है कि दोनों दलों के बीच ये नरमी बेवजह नहीं है। दोनों दलों के बीच पनपा ये प्रेम आने वाले समय में भाजपा के लिए परेशानी की वजह बन सकता है।

राजनीतिक विश्लेषक भी दो धुर-विरोधी दलों के बीच शुरू हुए संवाद को प्रदेश की सियासत में नए पदचाप के तौर पर देख रहे हैं। माना जा रहा है कि भाजपा के एक विधायक के बयान पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया और फिर बसपा अध्यक्ष मायावती का उस पर आभार जताना शिष्टाचार भर नहीं है। सवाल उठ रहा है कि क्या फिर यूपी की राजनीति नया मोड़ लेने वाली है।

बसपा प्रमुख ने सपा या कांग्रेस के साथ गठबंधन से इन्कार तो किया है, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि राजनीति में कुछ भी संभव है। लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों और यूपी में बने हालात को देखते हुए अखिलेश व मायावती के बीच संवाद को दोनों दलों के बीच तल्खी कम होने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। अटकलें लगने लगी हैं कि यूपी में इंडिया गठबंधन का विस्तार होने जा रहा है।

मथुरा की मांट सीट से भाजपा के विधायक और पार्टी प्रवक्ता राजेश चौधरी ने मायावती के खिलाफ बयान दिया। इस पर अखिलेश यादव ने आपत्ति जताई। फिर मायावती ने उनको धन्यवाद किया। इसके बाद अखिलेश ने आभार जताया। यही नहीं, मायावती ने अखिलेश के बयान को अपने ईमानदार होने का प्रमाण बताते हुए भाजपा विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

मायावती ने इस सब के बीच यह भी कहा कि सपा-कांग्रेस सिर्फ अपने फायदे के लिए एससी-एसटी आरक्षण का समर्थन कर रही हैं। ये किसी की हितैषी नहीं है। इसके बाद भी माना जा रहा है कि दोनों पार्टी के मुखिया के बीच हुए संवाद के आधार पर दोनों दलों में बात शुरू हो सकती है। वैसे भी स्टेट गेस्ट हाउस कांड के बाद किसने सोचा था कि बसपा कभी सपा के साथ गठबंधन करेगी। लेकिन, 2019 में दोनों मिलकर लोकसभा चुनाव लड़े।

सपा-बसपा के बीच शुरू हुए संवाद को लेकर भाजपा भी सतर्क है। पार्टी के रणनीतिकार दोनों दलों की हर गतिविधि पर नजर रखे हैं। सूत्रों का कहना है कि सपा-बसपा के साथ आने की संभावना बेशक ना के बराबर है, लेकिन भाजपा में उनके हर कदम और बयान पर नजर रख रही है।

Follow  RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.